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रायपुर

विधानसभा का विशेष सत्र: CM भूपेश के इस 10 बयान से मचा हंगामा, भाजपा ने सदन के बाहर दिया धरना

CM बघेल ने कहा अंग्रेज बापू को बार-बार जेल में डालते रहे, लेकिन क्या वजह है कि गोडसे ने उनकी हत्या की ? उस वक़्त जब हत्या हुई तो रेडियो में कहा जा रहा था एक पागल व्यक्ति ने हत्या कर दी। वह पागल नहीं था, एक विचारधारा से जुड़ा था। आज विचारधारा की लड़ाई चल रही है।

रायपुरMar 07, 2020 / 02:51 pm

CG Desk

विधानसभा का विशेष सत्र: CM भूपेश के इस 10 बयान से मचा हंगामा, भाजपा ने सदन के बाहर दिया धरना

विधानसभा का विशेष सत्र: CM भूपेश के इस 10 बयान से मचा हंगामा, भाजपा ने सदन के बाहर दिया धरना

रायपुर. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सावरकर को लेकर की गई टिप्पणी पर हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने उनके बयान को विलोपित करने की मांग की तो वहीं, सीएम ने शब्द वापस लेने से इंकार कर दिया। भारी शोरगुल के बीच बीजेपी सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन कर सदन के बाहर वीर सावरकर के समर्थन में नारे लगाते हुए गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।
सीएम भूपेश बघेल ने ऐसा दिया जवाब

1. मुख्यमंत्री ने शिवरतन शर्मा के भाषण का जवाब देते कहा कि गांधी आरएसएस (RSS) की शाखाओं में ही नहीं गांधी अपने विरोधियों के पास भी जाते थे।
2. बृजमोहन अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष के “सरकार गांधी के बताए रास्ते पर नहीं चल रही है ” जिसका जवाब देते हुए सीएम ने कहा – अब मैं 9 महीने का हिसाब दूं या फिर 15 सालों की समीक्षा करूँ। हम सब यहां है तो गांधी की विचारधारा की वजह से ही हैं।
3. कांग्रेस की सरकार की वजह से ही हमें आजीविका और शिक्षा का अधिकार मिल पाया है।

4 . मुख्यमंत्री ने अजय चंद्राकर के “महात्मा गांधी चाहते तो भगत सिंह को बचा सकते थे ” इस सवाल का जवाब देते हुए कहा – उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि गांधी ने वायसराय को चिट्ठी लिखी थी, नेहरू जेल में जाकर मिले थे।
5. भाषण में बघेल ने कहा – जरा ये बताएं कि उनके नेता कब भगत सिंह के साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा सिर्फ गोडसे, सावरकर ही गांधी से असहमत नहीं थे, सुभाष चन्द्र बोस भी असहमत थे, अम्बेडकर भी असहमत थे। कई ऐसे दूसरे भी थे जो असहमत थे, लेकिन उन लोगों ने हत्या नहीं की।
6. सुभाष चंद्र बोस ने सेना बनाई थी और सबसे पहले महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा था।

7. मुख्यमंत्री ने कहा हमारी लंबी सांस्कृतिक धरोहर है। इन धरोहरों का जिक्र जरूरी था, क्योंकि इन सबने इस देश के मानस को बनाया था। बुद्ध और गांधी की करुणा में कोई अंतर नहीं था। इन सबमें गंभीर राष्ट्रवाद के तत्व छिपे हुए हैं. विरोध में ही सही आवाज उठने को सम्मान देता है। हमसे यदि गलती होती है तो शर्मिंदा होते हैं। पश्चाताप के आंसू आंखों में होते हैं।
8. मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है सावरकर छिपकर मारने से पीछे नहीं हटते थे। उन्होंने बीजेपी विधायकों की ओर इशारा करते हुए यह तक कह दिया कि आपके लिए सावरकर वीर है, लेकिन हमारे लिए गांधी वीर है। इतिहास में ये साक्ष्य भी है कि गोडसे सावरकर का शिष्य था।
9. सीएम भूपेश बघेल की इस टिप्पणी पर पर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सावरकर को बरी किया गया था। अजय चंद्राकर ने सीएम के शब्दों को विलोपित करने की मांग की। जवाब में सीएम बघेल ने कहा मैं अपने शब्द वापस नहीं लूंगा। सदन में भारी हंगामे के बीच बीजेपी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर दिया।
10. अंत में मुख्यमंत्री ने कहा- सच सुनने का साहस होना चाहिए। सावरकर ने 13 बार अंग्रेजों से माफी मांगी थी। वापस लौटने के बाद सावरकर कभी किसी आंदोलन का हिस्सा नहीं बने। गांधी ने अस्पृश्यता, शिक्षा, समाज की कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी , अंग्रेज उन्हें बार-बार जेल में डालते रहे, लेकिन क्या वजह है कि गोडसे ने उनकी हत्या की ?

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