
कोल संकट: गैर सरकारी एजेंसियों को कोयले की आपूर्ति पर केंद्र ने लगाई रोक
रायपुर. कोल इंडिया लिमिटेड ने राज्य सरकारों द्वारा नामित सभी गैर सरकारी एजेंसियों को कोयले की सप्लाई और आवंटन पर रोक लगा दी है। इस संबंध में कोल इंडिया ने एसईसीएल सहित केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत सभी खनन कंपनियों को पत्र जारी कर दिया है।
इस फैसले का असर देशभर के गैर-सरकारी एजेंसियों को होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ में उद्योगों को बड़ा नुकसान हो चुका है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने उद्योगपतियों की मांग के बाद रोलिंग मिल एसोसिएशन को गैर-सरकारी एजेंसी के रूप में नामित करते हुए कोयला आवंटन की अनुशंसा कोल इंडिया को की थी, जिसके बाद रोलिंग मिलों को 1 लाख टन कोयले का आवंटन जारी हुआ था, वहीं हाल ही में रोलिंग मिलों ने प्रदेश में कोयले संकट की स्थिति के बाद हर वर्ष 3 लाख टन कोयले के लिए राज्य सरकार को चिठ्ठी लिखी थी, जिसे तीन साल तक देना था। कोल इंडिया के इस फैसले के बाद अब उद्योगों को तगड़ा झटका लगा है।
विदेशों से सप्लाई अटकी, अब देश में भी संकट
रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि कोयले को लेकर विदेशों से सप्लाई पहले ही प्रभावित हो चुकी है, वहीं अब देश में भी संकट आ चुका है। रूस-यूक्रेन के बीच तनाव की वजह से ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया से कोयला आयात अभी 60 फीसदी कम हो चुका है। राज्य के भीतर एसईसीएल से कोयला नहीं मिलने की वजह से स्थानीय उद्योगपतियों की निर्भरता विदेशी कोयले पर बढ़ती जा रही है। इसे कम करने के लिए रोलिंग मिल ने राज्य सरकार के माध्यम से सीधे एसोसिएशन को कोयला आवंटन के लिए दबाव बनाया था, लेकिन कोल इंडिया के इस फैसले से राज्य के उद्योगों को बड़ा नुकसान हो चुका है।
उद्योग विभाग के विशेष सचिव अनुराग पांडेय ने कहा, केंद्र के स्टील मंत्रालय को हमने राज्य के उद्योगों की स्थिति के बारे में अवगत करा दिया है। कोयले की कमी की वजह से उद्योगों में उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। साथ ही एनएमडीसी से मिलने वाले कच्चे माल की उपलब्धता बेहतर करने क े लिए प्रस्ताव दिया गया है।
रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने कहा, गैर-सरकारी एजेंसियों के बीच अनुबंध रद्द होने के बाद राज्य सरकार से गुजारिश है कि सीएसआईडीसी सहित अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से राज्य के उद्योगों को जरूरत के मुताबिक कोयला आवंटन उपलब्ध कराया जाए, क्योंकि कच्चे माल की सप्लाई कम होने की वजह से लौह उत्पादों के साथ स्टील की कीमतें लगातार बढ़ रही है।
Published on:
05 Mar 2022 09:56 am
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