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आचार संहिता लग गई, लेकिन सुंदर नगर में अभी तक नहीं बना डिवाइडर

Raipur News: राजधानी रायपुर के सुंदर नगर से टोल प्लाजा 3 साल पहले मंदिरहसौद शिफ्ट हो चुका है, लेकिन अभी तक वहां पर डिवाइडर निर्माण नहीं हो पाया है।

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Code of conduct imposed, no divider made in Sundar Nagar Raipur

आचार संहिता लग गई, लेकिन सुंदर नगर में अभी तक नहीं बना डिवाइडर

रायपुर। Chhattisgarh News: राजधानी रायपुर के सुंदर नगर से टोल प्लाजा 3 साल पहले मंदिरहसौद शिफ्ट हो चुका है, लेकिन अभी तक वहां पर डिवाइडर निर्माण नहीं हो पाया है। डिवाइडर नहीं होने के कारण लोग खतरों के बीच सड़क पार करते नजर आते हैं। इस चक्कर में यहां हादसों में कई मौतें तक हो चुकी हैं। डिवाइडर की मांग को लेकर समाजसेवी संगठन से लेकर पार्षद, विधायक सहित कई जनप्रतिनिधि शासन-प्रशासन को आवेदन भी दे चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक यहां डिवाइडर का निर्माण नहीं हुआ है।

प्लास्टिक व पत्थर के बैरिकेड्स

रायपुरा व कुशालपुर ओवरब्रिज तक की दूरी करीब 300 मीटर है। इस 300 मीटर में डिवाइडर निर्माण न करके इसमें प्लास्टिक व पत्थर के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इसी के बीच से कारें व मोटरसाइकिल निकलते हैं। दोनों ओवरब्रिज से तेजी से बड़े वाहन आते हैं। ऐसे में यहां पर कई हादसे भी हो चुके हैं। अगर डिवाइडर का निर्माण हो जाए तो यह हिस्सा सुरक्षित हो जाएगा।

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कलेक्टर बदल गए, लेकिन नहीं बना डिवाइडर

डिवाइडर की मांग को लेकर 6 जनवरी 2023 को कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल ने कलेक्टर सौरभ कुमार को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अब कलेक्टर का भी तबादला हो गया है। वहीं राजनीतिक दलों के पार्षद व विधायक भी पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई और सड़क सुरक्षा समिति को कई बार इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। उस समय कलेक्टर ने आश्वस्त किया था कि माह के अंत तक डिवाइडर का निर्माण एनएचएआई के माध्यम से कराया जाएगा। लेकिन कोई निर्माण नहीं हुआ।

विधायक के निर्देश का कोई असर नहीं

संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने मार्च 2021 में लोक निर्माण विभाग एवं यातायात पुलिस के आला अधिकारियों को निर्देश दिया था कि जब तक एनएचएआई द्वारा विधिवत कार्य शुरू नहीं किया जाता, अस्थायी तौर पर लोक निर्माण विभाग द्वारा कुशालपुर ओवरब्रिज से लेकर रायपुरा ओवरब्रिज तक डिवाइडर वाले हिस्से को पूरी तरह से ब्लॉक करें। इसके बाद सड़क को सीमेंट के पत्थरों से ब्लॉक तो किया, लेकिन कुछ माह बाद वह पत्थर धीरे-धीरे टुटकर गिरने लगे। स्थायी डिवाइडर भी नहीं बने।

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