
भूपेश बघेल की जमीन को कलेक्टर ने स्कूल को दे दी दान में, मचा बवाल
रायपुर. दुर्ग कलक्टर उमेश अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के नाम भिलाई-3 स्थित 29 .90 एकड़ जमीन को शाला प्रबंधन समिति के नाम करने का आदेश जारी किया है।
इस आदेश के बाद प्रदेश की सियासत में हंगामा मच गया है। भूपेश बघेल ने शनिवार शाम एक पत्रकार वार्ता अदालती आदेश और उनके पक्ष के दस्तावेज पेश किए। बघेल का कहना था, उस जमीन पर पहले भी मुकदमा हुआ था। लोक अदालत ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए डिक्री दी थी। उनका कहना था, दुर्ग कलक्टर, पाटन के एसडीएम और तहसीलदार सरकार के इशारे पर गलत आदेश के जरिए, उनकी छवि धुमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
उनका कहना था, सरकार उनसे सीधे नहीं जीत पा रही है, तो बी टीम के जरिए छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। विधायक सत्यनारायण शर्मा और कवासी लखमा ने कहा, जमीन के मामले में सिविल कोर्ट के आदेश राजस्व अदालतों पर बाध्यकारी होते हैं। वो इन आदेशों के ऊपर अपना आदेश नहीं दे सकते। इसके बावजूद कलक्टर ने ऐसा कर दिया। सत्यनारायण शर्मा ने कहा, कांग्रेस मॉनसून सत्र में इस मामले को दस्तावेजों के साथ उठाएगी। वहीं भूपेश इस आदेश को अदालती चुनौती देने की तैयारी में हैं।
विवाद की पृष्ठभूमि में जनता कांग्रेस
जनता कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री विधान मिश्रा और गुंडरदेही विधायक आरके राय ने पिछले वर्ष शिकायत की थी, भूपेश बघेल ने भिलाई में ग्राम शाला समिति की वह जमीन अपने नाम दर्ज करा ली है। उसके बाद मामला शुरू हुआ। भूपेश बघेल के पक्ष ने एक न्यायिक आदेश पेश किया। जिसके बिना पर नामांतरण हुआ था। तहसीलदार, एसडीओ की रिपोर्ट में ऐसे किसी आदेश का अस्तित्व नहीं मिला। उसके बाद कलक्टर ने आदेश पारित कर दिया।
भूपेश बघेल का दावा
भूपेश बघेल का कहना है, उनके दादा ने स्कूल को जब ज़मीन दान दी थी तब सीलिंग कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। कोर्ट का कहना था, ऐसा सीलिंग एक्ट से बचने के लिए किया जा रहा है। उसके बाद वह जमीन हिस्सेदारों में बंट गई। उसपर लोक अदालत का एक आदेश के बाद नामांतरण भी हो गया। न्यायालय के आदेश की कॉपी मीडिया को दिखाते हुए उन्होंने सवाल उठाया, जिस आदेश की सत्यापित प्रति आवेदन के बाद उन्हें मिल सकती है, वह कलक्टर को कैसे नहीं मिली।
मुख्यमंत्री बोले, दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, दस्तावेज को कोई झुठला नहीं सकता। वर्षों पुराने दस्तावेज में भी जो लिखा होगा, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार से कुछ बोला नहीं जाता, अधिकारी अपना काम करते हैं। जांच में जो सामने आयेगा वैसी कार्रवाई होगी। मैं भी या कोई अधिकारी इसमें कुछ नहीं कर सकता।
Published on:
01 Jul 2018 03:39 pm
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