
12 साल पुराने रिश्वतकांड मामले में पूर्व नान जीएम भट्ट को चार वर्ष की सजा
रायपुर. नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के तात्कालिन महाप्रबंधक शिवशंकर भट्ट को 12 साल पुराने रिश्वत मामले में 4 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण (इओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए भट्ट पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।
एसीबी ने वर्ष 2006 में शिवशंकर भट्ट को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। तलाशी में उसके पास से रिश्वत की रकम भी बरामद की गई थी। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले में अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद 2015 में आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। अतिरिक्त लोक अभियोजक योगेन्द्र ताम्रकार ने बताया कि रायपुर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी प्रेमचंद अग्रवाल के ट्रक नान का सामान परिवहन करते थे। इसका मालभाड़ा 20 लाख रुपए बकाया था।
इसका भुगतान करने कारोबारी ने बिल जमा किया था। शिवशंकर भट्ट ने बिल पास करने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसकी लिखित शिकायत कारोबारी के बेटे रवि अग्रवाल ने 27 नवंबर 2006 को एसीबी कार्यालय में की। शिकायत की तफ्तीश के बाद एसीबी ने 29 नवंबर को योजनाबद्ध तरीके से आरोपी के कचहरीचौक स्थित दफ्तर में दबिश दी और रिश्वत की रकम लेते ही रंगे हाथों पकड़ लिया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भट्ट को 29 नवंबर 2006 को जेल भेज दिया था। लेकिन, आरोपी ने जांच में सहयोग करने का हवाला देते हुए स्वयं को निर्दोष बताया और जमानत के लिए आवेदन लगाया था। कोर्ट ने आवेदन पर सुनवाई के बाद उसे 7 जनवरी 2017 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
शिवशंकर भट्ट के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और नान घोटाला मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। करोड़ों रुपए के नान घोटाले में संलिप्ता उजागर होने के बाद भट्ट को 16 आरोपियों के साथ जेल भेजा गया था। इस समय आरोपी शिवशंकर भट्ट जेल में है।
Published on:
01 Jul 2018 10:39 am
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