रायपुर में आईसीडी शुरू करने को लेकर यह मामला गृह मंत्रालय से होते हुए
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फारेन ट्रेड
(डीजीएफटी) के पास पहुंच चुका है।
कच्चे माल की समस्या और बिजली की महंगी टैरिफ दरों से जूझ रहे उद्योगों को शीघ्र ही इंटरनल कंटेनर डिपो (आईसीडी) के जरिए राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि नक्सली खतरे के कारण विदेशों से बेहतर क्वालिटी के स्क्रैप आयात में 10 वर्ष से लगा प्रतिबंध हट चुका है। रायपुर में आईसीडी शुरू करने को लेकर यह मामला गृह मंत्रालय से होते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) के पास पहुंच चुका है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के दिशा-निर्देश के बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच 6 बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है। राज्य औद्योगिक विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर में आईसीडी के जरिए एचएमएस-2 स्क्रैप आयात शुरू करने को लेकर सभी विभागों के बीच सहमति बन चुकी है।
रायपुर आईसीडी में आयात
90 हजार कंटेनर हर साल
7500 कंटेनर हर महीने
2 पर प्रतिबंध हटने के बाद आयात एचएमएस
600-700 कंटेनर प्रति माह
उद्योगों को यह लाभ
1. विदेशों से बेहतर क्वालिटी के स्क्रैप का किया जा सकेगा आयात।
2. सस्ते होने के कारण क्वालिटी प्रोडक्ट बनाने में मिलेगी मदद।
3. उद्योगों की लागत आएगी कम
यहां आ सकेगा एचएमएस-2 स्क्रैप
अमेरिका, दुबई, सउदी अरब और आफ्रीकन आदि देशों से
उत्पादन में होगी वृद्धि
लोहा, स्टील, एंगल, बीम, इंगट्स आदि
आम लोगों को क्या फायदा
उत्पादन बढऩे के साथ ही क्वालिटी प्रोडक्ट और कीमतों में प्रतिस्पर्धा