
रायपुर. प्रदेश में कोरोना (Coronavirus Latest Update) से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। फरवरी में हर दिन औसतन 4 मौतें रिपोर्ट हो रही हैं। मगर, यह आंकड़ा सितंबर, अक्टूबर और नवंबर 2020 की तुलना में राहत देने वाला है जब 34-34 मौतें एक दिन में हो रही थीं। फरवरी के 24 दिनों में 93 कोरोना संक्रमित मरीजों की इलाज के दौरान, अस्पताल के गेट पर या फिर एक से दूसरे अस्पताल (रेफर) ले जाते वक्त मौत हो गई।
मगर, इनमें आंकड़े चौकाने वाले हैं कि इनमें 13 मौतें सिर्फ कोरोना से हुईं, जबकि 80 मौतों में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले और बीमारियों से ग्रसित लोग थे। अब जब ऐसे ही लोगों को कोरोना का टीका जीवनदान देगा। 'पत्रिका' पड़ताल में सामने आया कि मौतों की वजह लापरवाही रही है। केंद्रीय कोरोना गाइड-लाइन में स्पष्ट है कि कोरोना से बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को सबसे ज्यादा खतरा है। उन्हें लेकर सावधानी बरतें। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में अब तक मरने वाले 3800 से अधिक लोगों में 65-70 प्रतिशत की उम्र 50 वर्ष से अधिक रही।
बीमारियों में प्रमुख- शुगर, हाईपरटेंशन, कोरोनली अर्टरी डिसीज, एचआईवी पॉजिटिव, क्रानिक किडनी डिसीज, हाईपोथाइराइट्स।
लक्षण वहीं जो फरवरी 2020 में थे-
बुखार, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, कफ, सर्दी, खांसी। ये वही लक्षण हैं जो कोरोना के शुरुआती मरीजों में पाए गए थे। बस हमें इन्हें सही समय पर पहचानना है, जांच करवाना है और इलाज करवाना है।
स्वास्थ्य विभाग स्टेट डेथ ऑडिट कमेटी के प्रवक्ता एवं अध्यक्ष डॉ. सुभाष पांडेय ने कहा, कोरोना से अभी जिनकी मौतें हो रही हैं, उनमें सर्वाधिक बीमारियों से ग्रसित लोग हैं। अगर, समय पर जांच और बीमारी, बुजुर्गों को हम सुरक्षित कर लें तो मौत का आंकड़ा अपने आप कम हो जाएगा।
फैक्ट फाइल-
- 60 प्लस वालों की संख्या 10-12 प्रतिशत
- 45 से अधिक बीमार लोगों का आंकड़ा अभी नहीं है स्पष्ट
Published on:
26 Feb 2021 12:34 pm
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