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उज्जैन की तर्र्ज पर डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर परिसर में बनेगा कॉरिडोर, यह रहेंगी सुविधाएं

निर्माण करने की कार्ययोजना तैयार की

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उज्जैन की तर्र्ज पर डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर परिसर में बनेगा कॉरिडोर, यह रहेंगी सुविधाएं

उज्जैन की तर्र्ज पर डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर परिसर में बनेगा कॉरिडोर, यह रहेंगी सुविधाएं

राजनांदगांव. राजनांदगांव शहर से 30 किलोमीटर दूर डोंगरगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर की ख्याति देश-विदेश तक है। इस शक्तिपीठ का इतिहास करीब 2200 साल पुराना है। डोंगरगढ़ पूर्व में वैभवशाली कामाख्या नगरी कहलाती थीए जो कालांतर में डोंगरी व फिर डोंगरगढ़ कहलाई। पहाड़ी पर करीब 1600 फीट की ऊंचाई पर विराजित मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए लगभग 11 सौ सीढिय़ां चढऩी पड़ती हैं।

मंदिर ट्रस्ट समिति द्वारा मंदिर परिसर को आकर्षक बनाने 10 करोड़ रुपए की लागत से कॉरिडोर निर्माण करने की कार्ययोजना तैयार की है। योजना के तहत मंदिर परिसर में आकर्षक प्रवेश द्वार, देवी-देवताओं की मूर्तियां, म्यूजिकल झरना, गार्डन, संग्रहालय, व्यवस्थित दुकानें, लाइब्रेरी, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सर्वसुविधा युक्त विश्रामगृह, व्यवस्थित पार्किंग स्थल सहित अन्य आकर्षक साज-सज्जा की जाएगी। मंदिर ट्रस्ट समिति द्वारा इसके लिए इंजीनियरों से डिजाइन बनवाने की तैयारी की जा रही है।

परिसर में ही 30 बिस्तर अस्पताल का भी निर्माण किया जाएगा: मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने पत्रिका को बताया कि मंदिर परिसर में कॉरिडोर के अलावा नगर व क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सुविधा देने मंदिर परिसर में एक्सपर्ट डाक्टरों की सेवा के साथ 30 बिस्तर अस्पताल का भी निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में परिसर में अस्पताल संचालित है। जिसमें सिर्फ ओपीडी की ही सेवा दी जा रही है। अब इस अस्पताल का विस्तार कर आईपीडी के साथ 30 बेड का किया जाएगा। ताकि नगर व क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सेवा के लिए दूसरी जगह जाने की जरुरत न पड़े।
एक साथ 1500 श्रद्धालुओं के ठहरने की हो जाएगी व्यवस्था: नवरात्र के दौरान मां बम्लेश्वरी का दर्शन करने छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने व विश्राम करने के लिए सर्वसुविधा युक्त भव्य हॉल बनाने की भी तैयारी है। परिसर में 100 बाई 100 की जगह में शयनकक्ष बनाया जाएगा। जिसमें करीब 1500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी। यहां पर श्रद्धालुओं के विश्राम करनेए बैठनेए सोनेए शौच व स्नान करने सहित अन्य सुविधा प्रदान की जाएगी।