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Covid-19 : बच्चों की सेहत पर दुष्प्रभाव डाल रहा, जानें क्या हैं साइड इफेक्ट

कोविड-19 ने दुनियाभर के लोगों को साठ से अधिक दिनों से अपने घरों की दीवारों के भीतर सीमित रहने के लिए मजबूर कर दिया है। इसकी वजह से सामान्य जीवन में उथल-पुथल मच गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो के एक अध्ययन के अनुसार लॉकडाउन का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ रहा है।

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Covid-19 : बच्चों की सेहत पर दुष्प्रभाव डाल रहा लॉकडाउन, जानें क्या हैं साइड इफेक्ट

Covid-19 : बच्चों की सेहत पर दुष्प्रभाव डाल रहा लॉकडाउन, जानें क्या हैं साइड इफेक्ट

ज्यादा सो और खा रहे हैं बच्चे
प्रमुख शोधकर्ता स्टीवन हेम्सफील्ड ने 41 ज्यादा वजन वाले बच्चों पर अध्ययन किया। इटली के वेरोना में मार्च और अप्रैल के महीने में यह अध्ययन किया गया है। इस शोध में लॉकडाउन से पहले और बाद में बच्चों के व्यवहार और रहन-सहन के पैटर्न की तुलना की गई। इसमें पाया गया कि लॉकडाउन में बच्चे प्रतिदिन आधे घंटे ज्यादा सो रहे हैं। इसके अलावा रोज पांच घंटे तक स्क्रीन देख रहे हैं।

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अस्वास्थ्यकारी चीजें खा रहे हैं बच्चे
लॉकडाउन में बच्चे पहले की तुलना में ज्यादा खाना खा रहे हैं। उनके भोजन में अस्वास्थ्यकारी चीजें जैसे लाल मांस, शर्करा युक्त पेय पदार्थ और जंक फूड की ज्यादा मात्रा पाई गई है। साथ ही घर में बंद रहने के कारण शारीरिक गतिविधियों में भी भारी गिरावट आ गई है, जिससे बच्चों के वजन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

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स्कूल जाना बेहद जरूरी
महामारी के कारण दो महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं। स्कूल बच्चों के विकास में एक अहम भूमिका निभाते हैं। स्कूल के कारण बच्चों की एक नियमित दिनचर्या होती है जिसमें समय पर भोजन करना, शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेना और समय पर सोना शामिल है। यह तीनों मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

मोटापा घटना होगा मुश्किल
शोधकर्ता ने कहा, लॉकडाउन की अवधि के दौरान बच्चों का वजन काफी बढ़ा है। परिस्थितियां सामान्य होने के बाद भी इस बढ़े हुए वजन को कम करना इतना आसान नहीं होगा। मोटापा कम नहीं हुआ तो वयस्क होने पर इन बच्चों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।