
रायपुर. सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए एक फैसले ने प्रदेश के सांसदों और विधायकों को भी चिंता में डाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, हाईकोर्ट की इजाजत के बगैर सांसद और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस नहीं होंगे। जबकि छत्तीसगढ़ में करीब 27 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है। वहीं कांग्रेस के सांसद के खिलाफ भी एक आपराधिक मामला दर्ज है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच के एक विश्लेषण के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 90 विधायकों में से 23 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के वक्त चुनाव आयोग को दिए गए शपथ-पत्र में सदस्यों ने खुद पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी। छत्तीसगढ़ के ऐसे विधायक जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनका प्रतिशत 13 है।
एक मंत्री व विधायक के खिलाफ 12-12 मामले
नेशनल इलेक्शन वॉच के एक विश्लेषण के मुताबिक एक मंत्री और रायपुर के एक विधायक पर सबसे अधिक 12-12 आपराधिक मामले दर्ज है। इसके अलावा एक कांग्रेस विधायक पर 10 और कांग्रेस के ही एक विधायक पर नौ मुकदमा दर्ज है।
कांग्रेस के 18 व भाजपा के 3 विधायक
विश्लेषण के अनुसार कांग्रेस के 18 विधायकों पर आपराधिक मामला दर्ज है। इसी प्रकार भाजपा के तीन और जनता कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीतकर आए दो विधायकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है।
राजनीति प्रकरणों की वापसी के लिए गृहमंत्री की अध्यक्षता में समिति गठित
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक प्रकरणों की वापसी के लिए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यता में मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की गई है। लगातार समिति बैठक कर राजनीतिक प्रकरणों की वापसी पर विचार कर रही है। इनमें से ज्यादातर प्रकरण धरना-प्रर्दशन, आंदोलन, चक्काजाम, शासकीय कार्य में बाधा डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के शामिल है। इसी प्रकार की कमेटी भाजपा शासनकाल में भी बनी थी।
Published on:
11 Aug 2021 10:19 am
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