
Chief Superintendent police की पत्नी ने कार सीखते वक़्त उड़ाया वैगेनार, नहीं हुई FIR, पूरा जोर लगा मामला दबाने में
दिनेश यदु@रायपुर. पुलिस की मनमानी के किस्से तो आपने कई बार सुने होंगे, लेकिन इस बार एक्सीडेंट के एक मामले में आरोपी महिला को बचाने के लिए नियमों को ताक पर रखा गया। इस मामले में पुलिस अफसर की पत्नी अपने दोस्त के साथ कार चलाना सीख रही थी। इस दौरान उसने एक दूसरी कार तो पीछे से टक्कर मार दी। जिसमे पुलिस द्वारा उसे बचाने की कोशिश की जा रही है।
FIR के अनुसार पीड़ित कार चालक ने बताया कि महिला की कार का अचानक बैलेंस बिगड़ गया। जिस कारण उसने पीछे से कार को टक्कर मार दी। अभी युवक कुछ समझ पाता तबतक महिला की कार ने उसे एक टक्कर मार दी। जिससे उसकी पलट गई। हालांकि पीड़ित युवक को गंभीर चोटे नहीं आई , लेकिन उसकी कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।
इस घटना के बाद वहां भीड़ इक्कठा हो गई। भीड़ बढ़ती देख आरोपी महिला कार चालक और उसके पुरुष मित्र ने कार बनवाने का पूरा खर्चा देने के लिए तैयार हो गए। दूसरे दिन पीड़ित ने महिला चालक के पुरुष मित्र को कॉल करके गाड़ी बनवाने का निवेदन किया। आरोपी ने साफ मना करते हुए कहा, जो चाहे करना हो वो कर लो। लेकिन हम पैसे नहीं देंगे।
पीडित अपनी फरियाद लेकर विसभा थाने पहुंचा तो थाना प्रभारी ने दोनों तरफ से जांच के बाद FIR करने की बात कही। हवलदार को इस जांच का जिम्मा सौंपा गया। तब पीड़ित वैगन आर वाहन चालक ने अपने पहले आवेदन में उक्त आरोपी महिला का नाम लिखे बगैर महिला चालक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आवेदन दिया। दोनो पक्षो को मौके पर बुलवाकर जांच करने पहुंचे हवलदार को मौके पे करीब 12 लोगों ने महिला के द्वारा कार को उड़ाने की बात को कुबूल करते हुए मोबाइल पर फोटोज भी दिखाए जो घटनास्थल पर उन्होंने खींचे थे।
इसके बावजूद भी थाना प्रभारी अपनी मनमानी करने से बाज नही आए और FIR में अज्ञात कार चालक के नाम से मामला दर्ज कर दिया गया। जब इस बात की जानकर ASP (R) को बताई गई तो उन्होंने भी नाराज होते हुए विसभा सत्र के बाद दोनो पक्षो को अपने आफिस बुलवाकर पड़ताल करने की बात कही। जब गुरुवार को इस घटना की जानकारी जज को पूरी जानकारी दी गयी तो वो हंसते हुए बोले देखते है मामले को।
पीड़ित ने कहा कि, पुलिस ने तो FIR में लिख दिया कि मुझे ज्यादा चोट नहीं आई है और सिर्फ कार ही क्षतिग्रस्त हुई है। लेकिन मुझे पता है कि मुझे कितनी चोट आई है।
इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि पूरी लीपापोती पुलिसकर्मी की पत्नी को बचाने के लिए की गई है। अगर यही कोई आम आदमी होता तो ज़ुर्माना तो जुर्माना उसपर कई धाराएं लग जाती जिससे वह थाने के चक्कर काटता रहता। फिलहाल देखना यह है की ऐसे मामलों में पुलिस मजबूर हो जाती है या फिर पूरी जिम्मेदारी से अपना फ़र्ज़ निभाते हुए सबको सामान न्याय देती है। इस खबर की अगली अपडेट के लिए बने रहे पत्रिका छत्तीसगढ़ के साथ। हम आपको आगे की जानकारी जरूर देंगे अगर इस पर कोई एक्शन होता है तो।

Updated on:
06 Jul 2018 02:04 pm
Published on:
06 Jul 2018 01:29 pm
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