28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एफआईआर की पारदर्शिता पर पर्दा, सीसीटीएनएस के तहत हर FIR को करना है ऑनलाइन

Raipur News: थानों में दर्ज होने वाले प्रथम सूचना रिपोर्ट(एफआईआर) को भारत का कोई भी नागरिक देख सके, इसके लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम(सीसीटीएनएस) शुरू की गई है।

2 min read
Google source verification
Curtain on transparency of FIR Raipur News

एफआईआर की पारदर्शिता पर पर्दा

रायपुर। Chhattisgarh News: थानों में दर्ज होने वाले प्रथम सूचना रिपोर्ट(एफआईआर) को भारत का कोई भी नागरिक देख सके, इसके लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम(सीसीटीएनएस) शुरू की गई है। इसके तहत थानों की हर एफआईआर को ऑनलाइन करना है, केवल महिलाओं और नाबालिगों से दुष्कर्म जैसे मामलों को सेसेंटिव रखना है। इससे कोई इसे देख न पाएं, लेकिन रायपुर में धोखाधड़ी जैसे मामलों को भी सेसेंटिव बताकर ब्लॉक रखा जा रहा है। शहर के अलग-अलग थानों में ऐसे कई मामले देखने में आए हैं, जिन्हें सेसेंटिव बताकर लोगों की जानकारी से दूर रखा गया है। वास्तविक रूप में ये सामान्य धोखाधड़ी के मामले हैं। गंज, विधानसभा, मौदहापारा, मंदिरहसौद जैसे थानों में कई मामलों को इसी तरह रखा गया है। यह एफआईआर की पारदर्शिता में पर्दा डालने जैसा है।

थानेदारों का तर्क

एफआईआर ओपन करने से आरोपियों को भी पता चल जाता है। इसके बाद आरोपी फरार हो जाते हैं। उन्हें पकड़ने में काफी दिक्कत होती है। हालांकि पुलिस ने अधिकांश ऐसे अपराधिक मामलों के आरोपियों को पकड़ा है, जिनके नाम सार्वजनिक हो गए थे।

यह भी पढ़े: Raipur news | undefined News | Patrika News">एक्सप्रेस-वे ; लगातार काटी जा रही लोहे की जाली, अब अफसरों ने बदला प्लान

केवल चुनिंदा मामलों में क्यों

ऐसा नहीं है कि धोखाधड़ी जैसे सभी मामलों को सेसेंटिव किया जाता है, यह केवल चुनिंदा मामलों में किया जा रहा है। थानेदार अपने हिसाब से किसी भी तरह के मामलों को सेसेंटिव कर देते हैं। ऐसा अक्सर किसी रसूखदार, राजनीतिक दल से जुड़े आरोपी पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए ज्यादा हो रहा है।
महिलाओं-नाबालिगों के मामलों पर बंदिश

महिलाओं-नाबालिगों और दुष्कर्म से जुड़े मामले, सांप्रदायिकता को बढ़ाने वाले प्रकरणों को सेसेंटिव की श्रेणी में रखा गया है। इसे सेसेंटिव करके ब्लॉक किया जाता है। अब लेकिन इसकी आड़ में अन्य मामलों को भी ब्लॉक रखा जा रहा है।

केस-1
गंज थाने में अपराध क्रमांक 0338/23 धोखाधड़ी और साजिश का मामला है। इसमें पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है, लेकिन सेसेंटिव कर रखा है। दो सप्ताह से ज्यादा समय हो जाने के बाद भी इसे ओपन नहीं किया गया है। इसी तरह अपराध क्रमांक 336/23 को भी सेसेंटिव बताया गया है, जबकि यह धारा 406 और 420 का मामला है।

यह भी पढ़े: दशहरा पर पंचक का साया, रावण के साथ पांच अन्य पुतले भी...जानें रावण दहन मुहूर्त

केस-2
विधानसभा थाने में अपराध क्रमांक 324/23 भी धारा 420 के तहत ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला है। इसे पुलिस ने सेसेंटिव बताते हुए ब्लॉक कर रखा है। लाखों की ठगी का मामला है और करीब 15 दिन हो चुके हैं। इसके आरोपी पकड़ में नहीं आए हैं।

केस-3
मौदहापारा के अपराध क्रमांक 200/23 में तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज हुआ है। इसे सेसेंटिव माना गया है। इसमें सहकारी केंद्रीय बैंक में 50 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला है। इसमें एक भी आरोपी अब तक पकड़े नहीं गए हैं।

महिलाओं-नाबालिगों, दुष्कर्म जैसे मामलों को सेसेंटिव रखने का निर्देश है। दूसरे मामलों में अपराध दर्ज होने के बाद आरोपियों को जानकारी मिल जाती है और वे फरार हो जाते हैं। इस कारण ऐसे मामलों को भी ब्लॉक रखा जा सकता है। -प्रशांत अग्रवाल, एसएसपी, रायपुर

यह भी पढ़े: हाईकोर्ट का फैसला, अपनी रकम मांगना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं