25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कस्टम मिलिंग घोटाला : राइस मिलरों पर लगे गंभीर आरोप, 16 ठिकानों पर छापा, इस दिन होगी अगली सुनवाई

Custom Milling Scam : मार्कफेड एमडी मनोज सोनी, विपणन अधिकारी प्रितिका पूजा केरकेटटा सहित अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोप की 21 दिसंबर को सुनवाई होगी।

2 min read
Google source verification
राइस मिलरों पर लगे गंभीर आरोप

राइस मिलरों पर लगे गंभीर आरोप

रायपुर। Custom Milling Scam : मार्कफेड एमडी मनोज सोनी, विपणन अधिकारी प्रितिका पूजा केरकेटटा सहित अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोप की 21 दिसंबर को सुनवाई होगी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिग्विजय सिंह की अदालत में बुधवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से दलील पेश की गई।

इस दौरान आयकर विभाग की ओर से विशेष लोक अभियोजक विवेक पांडेय और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि किस तरह सिंडीकेट बनाकर भ्रष्टाचार किया गया। इससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। आयकर विभाग ने जुलाई 2023 में 16 ठिकानों में छापा मारा था। इस दौरान तलाशी में बोगस लेनदेन और कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान करने के एवज में 20 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन लेने के इनपुट मिले थे।

यह भी पढ़ें : CG Election result 2023 : हार जीत का अंतर 200 से कम तो डाक मतपत्रों की होगी री काउंटिंग, फाइनल रिजल्ट ऐसे होंगे घोषित

इसे देखते हुए 15 सितंबर को मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी, कोरबा डीएमओ प्रितिका पूजा केरकेट्टा, राइस मिल एसोसिएशन तत्कालीन अध्यक्ष कैलाश रूंगटा, उपाध्यक्ष पारसमल चोपड़ा, कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर, राइस मिलर संतोष अग्रवाल, अमित अग्रवाल और प्रशांत अग्रवाल के खिलाफ परिवाद पत्र लगाया गया है। साथ ही प्रकरण का पंजीयन कर इसे सुनवाई के लिए स्वीकार करने का अनुरोध किया गया है। लेकिन, आवेदन के पेश करते ही बचाव पक्ष द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें : CG Weather Update : छत्तीसगढ़ में चक्रवाती तूफान के साथ होगी भयंकर बारिश, इन जिलों में अलर्ट, फटाफट देखें IMD का ताजा अपडेट

प्रकरण की सुनवाई शुरू होने पर वह अपना पक्ष अदालत के समक्ष रख सकते है। वहीं बचाव पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि परिवाद पत्र पंजीयन योग्य नहीं है। उनके पक्षकारों को परेशान करने आयकर विभाग की ओर से आवेदन लगाया गया है। छापेमारी के दौरान तलाशी के दौरान कोई ठोस साक्क्ष्य नहीं मिला था। इसके बाद भी उनके पक्षकारों को परेशान करने के लिए आवेदन लगाया गया है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीजेएम अपना फैसला सुनाएंगे।