
Cyber Crime: छत्तीसगढ़ में हर 20 मिनट में 1 साइबर ठगी, 800 करोड़ का झटका
छत्तीसगढ़ में हर 20 मिनट में कोई न कोई ऑनलाइन ठगी या ठगी के प्रयास का शिकार हो रहा है। कभी इंटरनेट लिंक के जरिए तो कभी सोशल मीडिया मैसेज, कॉल आदि के जरिए ठगा जा रहा है। साइबर ठग करीब 800 करोड़ ठग चुके हैं।
जनवरी 2023 से जून 2025 तक 67 हजार 389 मामले दर्ज हुए हैं। अगस्त 2025 तक इसकी संख्या 70 हजार से अधिक हो चुकी है। इसी तरह ठगी की राशि भी बढ़ गई है। साइबर ठगी बढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर ठगी के पैसे पीडि़तों को वापस करने का प्रतिशत महज 0.2 फीसदी है। इसमें बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। रायपुर जिले में ही पिछले 8 माह में ऑनलाइन ठगी के 12 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। साइबर सेल, थानों के अलावा ऑनलाइन शिकायतें भी दर्ज की जा रही हैं। साइबर रेंज थाना में ठगी के केवल बड़े मामले ही दर्ज हो रहे हैं। पिछले साल रायपुर जिले में साइबर ठगी के 14 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे।
साइबर ठग ठगी के पैसे पहले 100-200 बैंक खातों में ट्रांसफर करते थे। फिर उसे अलग-अलग से जगह निकाल लेते थे। वर्तमान में यह तरीका तो अपना ही रहे हैं, साथ ही ठगी के पैसे दूसरे देशों में ट्रांसफर भी करने लगे हैं। कंबोडिया जैसे देशों में ठगी के पूरे पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। इससे वहां से ठगी के पैसे रिकवर होना मुश्किल होता है। पिछले कुछ सालों से साइबर ठग यह तरीका अपना रहे हैं। खासकर शेयर ट्रेडिंग और डिजिटल अरेस्ट वाले मामलों में ज्यादा इजाफा हो रहा है।
साइबर ठगी के लिए सबसे ज्यादा फिशिंग का इस्तेमाल हो रहा है। साइबर ठग सोशल मीडिया, कॉल आदि के जरिए शेयर बाजार, ऑनलाइन टॉस्क आदि का झांसा देते हैं। इसमें फंसकर लोग लाखों रुपए गंवा रहे हैं।
त्योहारों के मौसम में साइबर धोखाधड़ी में ज्यादा बढ़ोतरी की आशंका है। त्योहारी मौसम में धोखेबाज फर्जी बुकिंग इंटरफेस, झूठे यात्रा पैकेज और अविश्वसनीय ई-कॉमर्स पेशकश के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसा सकते हैं। त्योहारों के दौरान ऑनलाइन खरीद एवं बुकिंग की गतिविधियां बढ़ने का फायदा उठाते हुए साइबर ठग नकली टिकटिंग वेबसाइट, नुकसानदेह लिंक या फर्जी यूपीआई भुगतान अनुरोध के जरिए बैंकिंग जानकारियां और खातों से धन चुरा सकते हैं। इस दौरान डांडिया नाइट और अन्य आयोजनों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग बढ़ जाती है, इसका फायदा उठाते हुए अपराधी नकली पोर्टल बना सकते हैं। साथ ही बेहद आकर्षक ऑफर वाले ई-कॉमर्स लिंक भी नकली वेबसाइट तक ले जाते हैं, जिनमें छिपे मालवेयर स्पैम से बैंकिंग जानकारियां चोरी हो सकती हैं।
Updated on:
27 Aug 2025 07:27 pm
Published on:
26 Aug 2025 01:14 am
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