
Dangerous X-Ray Radiation: एक्स-रे (X-ray) लेकर दूसरों का मर्ज बताने वाले खुद ही बीमार हो रहे हैं। कारण एक्स-रे का खतरनाक रेडिएशन (dangerous x-ray radiation)। इसके चलते कई रेडियोग्राफरों के बाल झड़ रहे हैं। नाखून गल रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या महिलाकर्मियों को है, जो मां बनने से वंचित हो रहीं हैं। प्रदेश में ऐसी कई रेडियाग्राफर हैं जिनका लगातार रेडिएशन में रहने की वजह से मिसकैरेज (miscarriage) हो गया। बता दें कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 205 रेडियोग्राफर काम कर रहे हैं। महिलाकर्मियों की संख्या 50 के आसपास है, इनमें से 30 फीसदी महिलाएं किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहीं हैं। इसमें बालों का झड़ना, नाखूनों का गलना और मिसकैरेज प्रमुख है (Suffering from serious illness. Hair loss, melting of nails and miscarriage are prominent in this.)। बता दें कि एक्स-रे कराने आए मरीज के साथ कोई परिजन हो तो उन्हें बाहर इंतजार करने कहा जाता है।
यह बताते हुए कि एक्स-रे मशीन वाले कमरे में रेडिएशन का खतरा है। बाहर एक बोर्ड भी लगा होता है जिसमें गर्भवती महिलाओं को रेडियोग्राफी रूम (radiography room) से दूर रहने की हिदायत होती है। बात जब रेडियोग्राफी करने वाली महिला कर्मियों की आती है तो उन पर यह नियम लागू नहीं होता। गर्भवती होने के दौरान भी उन्हें जल्दी छुट्टी नहीं मिलती। सुरक्षा उपकरणों का भी अभाव है। ये वो बड़ी वजहें हैं जिनके चलते रेडियोग्राफी करने वाली महिलाएं मिसकैरेज का शिकार हो रहीं हैं(women doing radiography are suffering from miscarriage)।
सेफ्टी अलाउंस महज 50 रुपए :
रेडियोग्राफी करने वाले कर्मचारियों को किस कदर खतरा है। स्वास्थ्य विभाग और सरकार भी इससे अनजान नहीं है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक्स-रे करने वाले कर्मचारियों को रेडिएशन सेफ्टी अलाउंस के नाम पर महज 50 रुपए दिए जाते हैं। यह भत्ता भी 27 साल पहले तय किया गया था। छत्तीसगढ़ प्रदेश रेडियोग्राफर प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक संतोष देवांगन ने बताया, 1994 के बाद से भत्ता नहीं बढ़ाया गया है। न रेडिएशन सेफ्टी अलाउंस बढ़ाया गया, न ही पदनाम परिवर्तन, एक माह का रेडिएशन अवकाश, पदों की संख्या में वृद्धि जैसी मांगें पूरी नहीं की गईं।
Case 1
बेमेतरा जिला अस्पताल में पदस्थ सीनियर महिला रेडियोग्राफर बताती हैं, 10 साल से काम कर रहीं हूं। शादी 2016 में हुई। कुछ सालों तक बच्चा नहीं हुआ तो इलाज कराने डॉक्टर के पास गई। उन्होंने रेडिएशन जोन में काम करने से मना किया। उनका कहना है कि पहले महीने में 100 एक्स-रे होते थे। अब 600 से 700 एक्स-रे हो रहे हैं।
Case 2
सीएचसी बस्तर में पदस्थ 30 साल की महिला रेडियोग्राफर 10 साल से एक्स-रे रूम में काम कर रहीं हैं। वे यहां एकमात्र महिला रेडियोग्राफर हैं। गर्भवती होने पर उन्होंने छुट्टी की मांग की। मना कर दिया गया। 8 घंटे ड्यूटी करने की वजह से 6 महीने पहले मिसकैरेज हो गया, जिन्हें समय रहते उनका दर्द समझना था, वे कह रहे हैं कि अब गर्भवती हो जाओगी तो छुट्टी दे दी जाएगी।
रेडिएशन से पूरे शरीर में प्रभाव हो सकता है। इसे स्टैंड इफेक्ट कहते हैं। परमाणु बम की तरह इसका प्रभाव पड़ता है। अगर लंबे समय से एक्सपोजर है तो इस बारे में कोई नहीं जान सकता। ओवरी में ओवम बनते हैं, इसलिए उसके आने वाले बच्चे में विकृति होती है। यह कितना प्रतिशत होता है, इसके बारे में कहा नहीं जा सकता।
- डॉ. एसबीएस नेताम, एचओडी रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट, आंबेडकर अस्पताल
Case 3
32 वर्षीय महिला रेडियोग्राफर बिलाईगढ़ सीएचसी में पदस्थ हैं। 2019 में उनकी शादी हुई। सालभर बाद 2020 में जब गर्भवती हुईं तो कुछ महीने में ही मिसकैरेज हो गया। इसके बाद वह मां नहीं बन पा रही थीं। रायपुर में उनका इलाज चल रहा था। रायपुर से इलाज करवाकर बिलाईगढ़ लौटने के दौरान 12 अगस्त 2022 को सारागांव में एक सड़क हादसे में उनके पति की मौत हो गई। वहीं हादसे में महिला की बाई जांघ भी टूट गई।
एक्सपर्ट्स की राय...
गर्भवती महिलाओं को एक्स-रे से बचना चाहिए। महिला रेडियोग्राफरों को पेट में शील्ड पहनकर ही काम करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर ओवरी में रेडिएशन का इफेक्ट पड़ता है। एक्स-रे या सीटी स्कैन मशीन में लगातार काम कर रहीं हैं तो सुरक्षा उपकरणों का ध्यान रखना चाहिए। रेडिएशन से महिलाओं के अलावा उनके होने वाले बच्चों पर भी असर पड़ता है। इसमें बच्चों का कम ग्रोथ, कैंसर और ब्रेन के फंक्शन आदि प्रमुख है।
- डॉ. तबस्सुम दल्ला, गायनाकोलॉजिस्ट
Published on:
25 Jan 2023 11:57 am
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