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Dengue Alert: अगर शरीर में दिखे ये लक्षण तो तुरंत लें डॉक्टर की सलाह वरना पड़ सकते हैं मुश्किल में

Dengue Alert in Raipur: राजधानी में डेंगू के गहराते संकट से निपटने के लिए एक तरफ जहां नगर निगम अमला फॉगिंग ओर दवा छिड़काव कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिला स्वास्थ्य विभाग ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेकर जांच कराने में जुटा हुआ है।

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Dengue Alert: अगर शरीर में दिखे ये लक्षण तो तुरंत लें डॉक्टर की सलाह वरना पड़ सकते हैं मुश्किल में

रायपुर. Dengue Alert in Raipur: राजधानी में डेंगू के गहराते संकट से निपटने के लिए एक तरफ जहां नगर निगम अमला फॉगिंग ओर दवा छिड़काव कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिला स्वास्थ्य विभाग ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेकर जांच कराने में जुटा हुआ है। आरडी किट से जांच के साथ एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है।

जिला स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी के सभी 18 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को ओपीडी में आने वाले बुखार से ग्रसित मरीजों का सैंपल कलेक्ट करने निर्देशित किया है। इस वर्ष एक हजार से ज्यादा डेंगू मरीज मिलने की आशंका जाहिर की जा रही है। एक हजार मरीजों के लिए मेडिकेटेड मच्छरदानी की व्यवस्था भी की गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जिस प्रकार कोरोना की पहचान के लिए रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच होती है, उसी प्रकार डेंगू के लिए आरडी किट और एलाइज टेस्ट किया जाता है।

राजधानी में अब तक 120 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। पहले रामनगर हॉटस्पाट बना हुआ था, लेकि अब कृष्णानगर, गोकुल नगर, रामनगर, पंडरी, चौबे कॉलोनी, रामसागर पारा, राजातालाब, गंजपारा, रामकुंड सितलापारा, रामकुंड, टिकरापारा हनुमान मंदिर समेत शहर के सभी कोनों से मरीज मिल रहे हैं। 11 हजार की आबादी वाले रामनगर में करीब 8 हजार लोगों का आरडी किट से जांच की जा चुकी है।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय ने कहा, स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को ओपीडी में आने वाले बुखार से पीडि़त मरीजों का सैंपल कलेक्ट करने कहा गया है। रोजाना 500 से ज्यादा सैंपल जांच हो रही है। लोगों को भी घरों में साफ-सफाई रखनी चाहिए।

डेंगू में डॉक्टर की सलाह से लें दवाएं
बुखार, शरीर में दर्द और मसल्स का खिंचाव दूर करने के लिए अक्सर लोग मेडिकल दुकानों से दवाएं ले लेते हैं, जो घातक साबित हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जिन रोगियों को पहली बार डेंगू होता है, यह बुखार उन लोगों के लिए उतना अधिक खतरनाक नहीं होता है, जितना अधिक खतरा उन रोगियों के लिए होता है, जिन्हें यह बुखार पहले भी हो चुका है। डेंगू शरीर की हड्डियों को खोखला और कमजोर करता है।

इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलें
- यदि बुखार के दौरान या बिना बुखार के भी रोगी को सांस फूलने की समस्या हो रही हो।
- रोगी की प्लेटलेट्स चेक कराते रहना चाहिए। कई बार बुखार उतरने के 3 से 4 दिन बाद भी रोगी की प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है।

मरीज की घर पर ऐसे करें देखभाल
- डेंगू का फीवर 102 या इसके आसपास है तो मरीज के माथे पर तब तक सादे पानी की पट्टियां रखें, जब तक शरीर का ताप कम ना हो जाए।
- मरीज के कमरे में हल्की रोशनी और ताजी हवा का पूरा इंतजाम करें।
- मरीज के बेड पर मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें। घर के अन्य सदस्य भी मच्छरों से बचाव के लिए हर संभव तरीका अपनाएं। ताकि मच्छर रोगी को काटने के बाद परिवार के अन्य लोगों में यह बीमारी न फैला सकें।
- मरीज के कपड़े नियमित रूप से बदलें। हाथ-पैर धोने या नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।