
धर्म से विमुख होने पर नाश होना तय
Chhattisgarh News: रायपुर। संतोषी नगर स्थित माता कर्मा धाम में नौदिवसीय श्रीरामकथा का बुधवार को समापन हुआ। अंतिम दिन कथावाचक ओमानंद महाराज ने कहा कि धर्म से विमुख होने पर सर्वनाश होना तय है। जैसे रावण धर्म से विमुख हो गया था, उसका और उसके कुल का सर्वनाश हो गया। सुंदरकांड का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि माता सीता की खोज करने हनुमान समुद्र पार लंका पहुंचे।
यहां उनकी मुलाकात रावण के छोटे भाई विभीषण से हुई। विभीषण राम भक्त थे। उन्होंने हनुमान को माता सीता के बारे में बताया। जब हनुमान अशोक वाटिका पहुंचे तो उसी समय रावण भी आया। उसने सीता को एक माह का समय दिया। माता सीता ने त्रिजटा से बोलीं कि मैं जीवित नहीं रहना चाहती। यह सुनकर हनुमान ने मुद्रिका नीचे गिराई, सीताजी ने मुद्रिका पहचान ली, लेकिन फिर सोचा कि यह कोई प्रपंच तो नहीं है? तब हनुमान ने श्रीराम के गुणों का वर्णन करने लगे, यह सुनकर सीता के सारे दु:ख दूऱ हो गए। कथाकार ओमानंद महाराज ने कहा कि जो भी श्रीराम कथा का श्रवण करता है, उसके सारे कष्ट, दु:ख दूर हो जाते हैं।
रावण प्रकांड विद्वान था, लेकिन अहंकार ले डूबा
उन्होंने बताया कि लंका में मांस-मदिरा वर्जित नहीं थी, लेकिन पूजा-पाठ, व्रत, अनुष्ठान पर पाबंदी थी। वहां हर कोई धर्म से विमुख था। खुद रावण प्रकांड विद्वान था, बलशाली था। उसमें इतना तेज था कि सूर्य का प्रकाश भी फीका पड़ जाता था। बल इतना था कि वह शेषनाग को परास्त कर सकता था। भगवान शिव का अनन्य भक्त था, लेकिन वह अहंकार में आकर धर्म से विमुख हुआ और उसका सर्वनाश हुआ।
Published on:
10 Aug 2023 05:23 pm
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