27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु है वनभैंसा, ये रोचक बातें चौंका देंगी आपको

छत्तीसगढ़ की राजकीय पशु वनभैंसा की वंशवृद्वि के लिए वन विभाग एक और कोशिश की ओर कदम बढ़ा चुका है। जानिए उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें।

2 min read
Google source verification
Forest Buffalo interesting facts

छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु है वनभैंसा, ये रोचक बातें चौंका देंगी आपको

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजकीय पशु वनभैंसा की वंशवृद्वि के लिए वन विभाग एक और कोशिश की ओर कदम बढ़ा चुका है। वन विभाग के अधिकारियों और तकनीकी कर्मचारियों की एक टीम हरियाणा के करनाल रवाना हुई है, जहां से उन्हें वन भैंसा आशा की मादा क्लोन आशादीप को लाना है।

यह मादा वन भैंसा करीब चार साल से करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में पल रही है। इसका जन्म प्रदेश की आशा नाम की वन भैंसे के कान के उतक का इस्तेमाल कर एक देशी भैंस से हुआ है। इस प्रक्रिया में एक करोड़ 10 लाख रुपए का खर्च आया था।

बाद में डीएनए जांच से यह स्पष्ट किया गया कि 12 दिसम्बर 2014 को पैदा हुई आशादीप वन भैंसा आशा का ही क्लोन है। आशादीप को लेने गई टीम में जंगल सफारी के डीएफओ, एसडीओ, रेंजर, चिकित्सक और फारेस्ट गार्ड सहित वन विभाग के डेढ दर्जन अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। इनके साथ वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अधिकारी भी रहेंगे जो वर्षों से वन भैंसा को बचाने की कोशिश में लगे हैं।

जंगल सफारी में बनेगा अलग जोन
वन भैंसों के लिए जंगल सफारी में अलग जोन बनेगा। इसका प्रावधान सरकार मुख्य बजट में पहले ही कर चुकी है। इसमें एक नर के साथ दो मादा वन भैंसों का रखा जाएगा, ताकि वन भैंसों की वंश वृद्घि हो सके। विभाग प्रदेश के उदंती-सीतानदी अभयारण्य और असम के जंगलों से और वन भैंसे लाने की तैयारी में है। उदंती में अभी 12 वन भैंसों की जानकारी सामने आ रही है।

तीन दिन का सफर
वन भैंसा को लेकर यह टीम 20 अगस्त को रवाना होगी। यह टीम 22 अगस्त को रायपुर के जंगल सफारी पहुंचेगी। इस बीच पूरी कोशिश होगी कि वन भैंसे को कोई नुकसान न पहुंचे। वन भैंसे की देखरेख का प्रशिक्षण लेने के लिए दो वन रक्षकों को एक सप्ताह पहले ही करनाल भेजा जा चुका है।

तेंदुए देकर ले आएंगे काले हिरण
इस बीच वन विभाग दिल्ली चिडिय़ाघर से 10 काले हिरण लाने वाला है। उनके बदले में छत्तीसगढ़ से नर-मादा तेंदुए का एक जोड़ा दिल्ली चिडिय़ाघर को दिया जाएगा।