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डिजिटल वेलबीइंग आज की जरूरत: सूरीसेटी

आंदोलन का उद्देश्य डिजिटल न्यूनतावाद को बढ़ावा देना, मोबाइल की लत से छुटकारा पाना और स्वस्थ तकनीक-जीवन संतुलन को बनाए रखते हुए खुशी और रिश्तों में सुधार लाना है। डिजिटल वेलबीइंग पहले भी एक बढ़ती जरूरत थी।

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डिजिटल वेलबीइंग आज की जरूरत: सूरीसेटी

डिजिटल वेलबीइंग आज की जरूरत: सूरीसेटी

रायपुर 8 जून को वल्र्ड डिजिटल वेलबीइंग डे के रूप में मनाया गया। लॉंच के वर्चुअल इवेंट के दौरान कार्यक्रम के संयोजक डॉ. जवाहर सूरीसेटी ने कहा कि ये तारीख इसलिए चुनी गई है, क्योंकि यह वल्र्ड वाइड वेब के संस्थापक टिम बर्नर्स-ली की जन्मतिथि है। आंदोलन का उद्देश्य डिजिटल न्यूनतावाद को बढ़ावा देना, मोबाइल की लत से छुटकारा पाना और स्वस्थ तकनीक-जीवन संतुलन को बनाए रखते हुए खुशी और रिश्तों में सुधार लाना है। डिजिटल वेलबीइंग पहले भी एक बढ़ती जरूरत थी। लेकिन महामारी व तालाबंदी के दौरान घर में लोगों के रहने वाले से बच्चों, युवाओं और परिवारों की डिजिटल खपत में वृद्धि हुई है, जिससे मोबाइल की लत बढ़ रही है। यह अवसाद जैसे कई मनोदैहिक स्वास्थ्य मुद्दों का कारण बनता है। अत्यधिक समय तक स्क्रीन के सामने रहने से आंखों की खराबी, आसन के मुद्दों, शारीरिक गतिविधि की कमी, पढ़ाई में रुचि और एकाग्रता की हानि का कारण बनता है। एक ऐसे युग में जहां मोबाइल हमारे जीवन में एक आवश्यकता है, यह देखा गया है कि हमारे दिनचर्या के सभी पहलुओं पर इसका प्रभाव पड़ा है। घर ऐसे स्थान बन गए हैं जहां व्हाट्सएप संदेश तब भी साझा किए जाते हैं, जब हम एक ही छत के नीचे होते हैं और डाइनिंग टेबल पर बर्तन से ज्यादा मोबाइल देखे जाते हैं। भोजन की तुलना में स्क्रीन पर ध्यान दिया जाता है।
डिजिटल चैनल और अन्य उपग्रह चैनल हमें डिजिटल टीवी या लैपटॉप पर व्यस्त रखते हैं। इसलिए हमारे पास परिवार के साथ बिताने के लिए बहुत कम समय है।