
DMF Scam: छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईओडब्ल्यू ने 90 करोड रुपए से ज्यादा के डीएमएफ घोटाले में पूछताछ करने के बाद कनाडा के पूर्व नागरिक जिग्नेश पटेल को रिहा कर दिया। करीब 8 घंटे तक उससे डीएमएफ घोटाले में शामिल अन्य लोगों, निविदा की प्रक्रिया, कमीशनखोरी और पूरे मामले में उसकी भूमिका के संबंध में पूछताछ की गई।
इस दौरान उसने किसी भी तरह के घोटाले से इंकार करते हुए कहा कि वह कामकाज के सिलसिले में आने पर रानू साहू, सहित अन्य से मुलाकात करता था। निविदा से लेकर अन्य कार्यों में किसी भी तरह का लेनदेन नहीं हुआ है। उसका बयान लेने के बाद दोबारा बुलवाए जाने पर उपस्थिति दर्ज कराने की हिदायत दी गई है।
बताया जाता है कि 21 को फिर दूसरे दौर की पूछताछ कर बयान लिया जाएगा। इस दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गिरफ्तार कर विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। बता दें कि जिग्नेश पटेल उर्फ निकुल भाई को भोपाल से 18 अप्रैल को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि निविदा दिलाने में जिग्नेश के बिचौलिए की भूमिका अदा करने और कमीशन लेने के इनपुट मिले है। तत्कालीन कोरबा कलेक्टर एवं इस घोटाले में जेल भेजी गई रानू साहू से जिग्नेश के करीबी संबंध थे।
उसकी सिफारिश पर ठेकेदारों को निविदा मिलती थी। इसके एवज में जिग्नेश द्वारा लेनदेन करने की जानकारी भी मिली है। इसके संबंध में पूछताछ की गई। बता दें कि जिग्नेश के खिलाफ घोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के प्रकरण में उज्जैन में लोकायुक्त द्वारा अपराध दर्ज किया गया है।
Published on:
20 Apr 2025 11:35 am
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