
रायपुर. अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार, योग-ध्यान के साथ-साथ नियमित दिनचर्या भी जरूरी है। दिनचर्या में सही वक्त पर नींद लेना भी शामिल है. शास्त्रों में इस बारे में बताया गया है कि सोने का सही तरीका क्या होना चाहिए।हमें तकरीबन रोजाना 7-8 घंटे सोना जरुरी होता है।
तभी हम हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं। सिर्फ सोने के घंटे ही नहीं बल्कि सोने की पोजिशन भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी होते हैं। भारतीय परिवारों में सोने की दिशा पर खूब ध्यान दिया जाता है। अक्सर घर के बड़े-बूढ़े ये बात दोहराते हैं कि दक्षिण दिशा में पैर ना करके सोना।
वास्तु शास्त्र के अनुसार
वास्तु शास्त के मुताबिक उत्तर दिशा में सिर ना रख कर सोना चाहिए। इसके पीछे एक उचित कारण भी बताया गया है। साइंस के सिद्धांतों के आधार पर यह सही साबित होता है। दरअसल सौरमंडल की चुम्बकीय तरंगे, दक्षिण से उत्तर दिशा में की तरफ गमन करती हैं। जब हम उत्तर दिशा में सिर करके सोते हैं, तो ये तरंगे सिर से होते हुए पैरों की तरफ गुज़र जाती हैं। यह प्रक्रिया पाचन तंत्र के साथ सेहत लिए अच्छी मानी जाती हैं। लेकिन जब कोई व्यक्ति दक्षिण दिशा में पैर करके सोता है, तो इन तरंगों का उल्टा प्रभाव पड़ता है।
उत्तर दिशा में सिर रखकर सोने के नुकसान
दक्षिण दिशा में पैर रख कर सोने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। उत्तर दिशा में सिर रख कर सोना स्लीप क्वालिटी को भी प्रभावित करती है। स्लीपिंग डिसऑडर्स की एक बड़ी वजह स्लीपिंग पोजिशन्स ही हैं। साथ ही बुरे सपने आने की भी बड़ी वजह दक्षिण की ओर पैर रख कर सोना माना जाता है। इसीलिए अगर आप शांत और गहरी नींद सोना चाहते हैं, तो दक्षिण की तरफ पैर ना रखें।
Published on:
25 Nov 2019 06:01 pm
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