
ड्रग्स माफिया को न मिले मदद, इसलिए अब मजिस्ट्रेट खुद ले रहे सैंपल
Chhattisgarh News: रायपुर। गांजा, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को कार्रवाई के दौरान किसी तरह की मदद न मिले, इसलिए अब जब्त माल की सैंपलिंग ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट खुद कर रहे हैं। जब्त मादक पदार्थ का सैंपल लेकर उसे लिफाफे में सीलबंद करके फॉरेंसिंक लैब भिजवा रहे हैं। इससे पहले मादक पदार्थ की जब्ती के बाद सैंपल लेने और लैब भेजने की प्रक्रिया कार्यपालक मजिस्ट्रेट के सुपरविजन में पुलिस ही करती थी।
अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। रायपुर जिले के 31 थाने हैं। एक ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के यहां तीन-चार थानों के मामलों की सैंपलिंग हो रही है। बता दें कि पहले सैंपलिंग की प्रक्रिया में कई बार चूक हो जाती थी। जैसे जानबूझकर सैंपल में बदलाव या मिलावट (cg news) या रिपोर्ट में देरी आदि। इससे गांजा-ड्रग्स तस्करों को फायदा मिलता था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सैंपलिंग ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से कराने का आदेश किया है।
इसलिए जब्त मादक पदार्थ की सैंपलिंग
गांजा-ड्रग्स तस्करी करने वाले को जब पुलिस पकड़ती है, तो उसके पास जो भी मादक पदार्थ मिलता है, उसे जब्त कर लिया जाता है। इसके बाद जब्त मादक पदार्थ की पहचान, गुणवत्ता और उसमें शामिल अन्य तत्वों की पहचान के लिए उसकी थोड़ी सी मात्रा निकाली जाती है। उस मात्रा को सीलबंद लिफाफे में जांच करने के लिए फॉरेसिंक लैब में भेजा जाता है।
फॉरेसिंक लैब उस सैंपल की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट देती है। इस रिपोर्ट से साबित होता है कि पुलिस ने जो मादक पदार्थ जब्त किया है, वह असल (raipur news) में क्या है? और उसका नुकसान क्या है? इसी आधार पर तस्करी करने वाले पर आरोप तय होते हैं।
यह परेशानी भी
लोकल और दूसरे राज्यों के गांजा तस्करों के रूट में रायपुर भी शामिल है। इस कारण यहां गांजा तस्करी मामले ज्यादा आते हैं। इनकी सैंपलिंग कराने में पुलिस वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब्त माल को कोर्ट में पेश करने, अवकाश, कोर्ट में प्रकरण की अधिकता या अन्य कारणों से सैंपलिंग की प्रक्रिया में काफी देरी हो जाती है। खासकर के आउटर के थाने वालों को सैंपलिंग कराने कोर्ट आना पड़ता है।
एनडीपीएस की कार्रवाई
वर्ष 2022 में रायपुर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मादक पदार्थ की तस्करी और उपयोग के 220 अपराध दर्ज किए थे। इसमें 364 लोगों को जेल भेजा था।1263 किलो से अधिक गांजा व अन्य मादक पदार्थ सहित कुल 60 लाख से ज्यादा माल जब्त किया था। इसमें ड्रग्स भी शामिल हैं।
बेहतर मॉनीटरिंग
यह व्यवस्था एनडीपीएस एक्ट के संशोधित नियम के तहत की गई है। इसका उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर नियंत्रण करना और एनडीपीएस की प्रक्रिया की बेहतर मॉनीटरिंग करना है।
-प्रशांत अग्रवाल, एसएसपी, रायपुर
Published on:
05 Jun 2023 10:48 am
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