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बिजली चोरी करने वाले हो जाएं सावधान, क्योंकि अब CSPDCL देगा “धारा 135” का झटका

बिजली चोरी या मीटर से छेड़छाड़ करने वालों पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 एवं 138 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विशेष रूप से दुर्ग में सेमिनार का आयोजन कर संभाग के अभियंताओं को इसकी जानकारी दी गई।

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दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अब बिजली की चोरी करने वालों जोरदार झटका लग सकता है क्योंकि अब फिर से छत्तीसगढ़ पावर डिसटीब्यूशन कंपनी अपने अधिकारों का प्रयोग करने जा रही है। अब बिजली चोरी या मीटर से छेड़छाड़ करने वालों पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 एवं 138 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विशेष रूप से दुर्ग में सेमिनार का आयोजन कर संभाग के अभियंताओं को इसकी जानकारी दी गई।

इंजीनियरों को सेमिनार में अधिवक्ता ने दी जानकारी
दुर्ग के क्षेत्रीय मुख्यालय में दो दिवसीय विधिक सेमिनार का आयोजन कर विद्युत चोरी जैसे प्रकरणों के संबंध में कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। सेमिनार में संभाग के मुख्य अभियंता एस जामुलकर एवं विवरण कंपनी द्वारा अनुबंधित अधिवक्ता विजय कसार ने दुर्ग के अभियंताओं को बिजली चोरी मामलों में कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत की जाने वाली कार्रवाई एवं न्यायालयीन प्रक्रिया के बारे में बताया। इसके साथ ही सेमिनार में अधिवक्ता ने अधिकारियों के सवालों और उनकी समस्याओं का भी निराकरण किया। अधिवक्ता कसार ने अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार उपयोग में आने वाली धाराओं की जानकारी भी दी।

धारा 135 तहत होगी कार्रवाई, तीन साल की सजा का प्रावधान
दरअसल विद्युत चोरी या मीटर से छेड़छाड सबंधी मामलों में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 एवं 138 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसके तहत सबंधित व्यक्ति को सजा का प्रावधान भी है। इस तरह बिजली चोरी के मामले में पहले बार आरोपी पर जुर्माना लगाया जाता है कोई दूसरी बार गिरफ्तार कर 6 से 8 गुना जुर्माना वसूल किया जाता है। लेकिन मीटर से छेड़छाड़ जैसे मामले में जुर्माने के साथ-साथ गिरफ्तारी भी की जाती है। ऐसे मामलों में संलिप्त दोषियों को तीन साल के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है। विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। मुख्य अभियंता ने विद्युत चोरी के प्रकरणों पर सभी कानूनी प्रक्रियाओं का नियम अनुसार पालन करने के लिए निर्देशित किया।

बिजली चोरी के मामलों में जागरूकता की कमी सबसे बड़ा कारण
मुख्य अभियंता एस जामुलकर के अनुसार बिजली चोरी के अधिकतर मामलों में लोगों में जागरूकता में कमी पायी जाती है। वहां बिजली चोरी के मामले ज्यादा सामने आते हैं। लेकिन अब इसकी संख्या कम हो रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को भी बिजली चोरी से दूर रहने जागरूक करने की आवश्यकता है। बिजली चोरी के मामले में कई बार दुर्घटनाएं भी सामने आती है। बिल से बचने के लिए कई बार इस प्रकार की काम करते हैं बिजली चोरी के मामलों में ही कमी आई है। लगातार मॉनिटरिंग के कारण स्थिति सुधर रही है।

फोन पे और पेटीएम से अब हो रहा बिल का भुगतान
इस सेमिनार में मुख्य अभियंता ने बताया कि सीएसपीडीसीएल अपने उपभोक्ताओं को अच्छी सर्विस देने के लिए प्रतिबद्ध है उन्हें बताया कि अब लगातार लाइन लॉस जैसी समस्याओं पर लगाम लगाया जा रहा है फील्ड पर मेंटेनेंस काम किया जा रहा है बिजली बिल हाफ योजना का लाभ भी आम जनता को दिया जा रहा है। इसके साथ ही अब लोग फोन पर और पेटीएम जैसी ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं।