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बीपी- शुगर की बीमारी करती है आंखों की रेटिना को खराब, 50 की उम्र के बाद जरूर करवाए टेस्ट

Retina Disease Treatment: विशेषज्ञों का कहना है, 50 की उम्र के बाद रेटिना की जांच जरूरी हो जाती है। रेटिना खराब होने की वजह से आंखों की रोशनी तो जाती है, इसका असर किडनी पर भी पड़ता है। इसलिए हर तीन माह में आंखों की जांच करवानी चाहिए। छह माह में मिले 9825 मरीज, 302 को करानी पड़ी सर्जरी।

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विष्णु ठाकुर @ अनियंत्रित हाइपरटेंशन और डायबिटिज आंखों को भी बीमार (Retina Disease Treatment) कर रहा है। इसका सीधा असर रेटिना पर पड़ता है। यही कारण है कि रेटिना खराब होने पर लोगों को सर्जरी भी करानी पड़ रही है।

ऐसे कई मामले सिविल अस्पताल माना में संचालित आंखों के अस्पताल में पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है, 50 की उम्र के बाद रेटिना की जांच जरूरी हो जाती है। रेटिना खराब होने की वजह से आंखों की रोशनी तो जाती है, इसका असर किडनी पर भी पड़ता है। इसलिए हर तीन माह में आंखों की जांच करवानी चाहिए।

समय-समय पर करवाएं आंखों की जांच
अंधत्व निवारण समिति के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, पिछले छह माह में रेटिना की बीमारी से 9825 लोग ग्रसित हुए हैं। इसमें से 302 लोगों की सर्जरी की जरूरत पड़ी है। रेटिना खराब होने की समस्या कई कारणों से हो सकती है। इसके बचाव के लिए लोगों को समय-समय पर आंखों की जांच करानी चाहिए। अधिकांश मामलों में हाइपरटेंशन व डायबिटिज से ग्रसित लोग शामिल हैं।

डायबिटिक रेटिनोपैथी हो जाती है विकसित
अक्सर शुगर के मरीज, डायबिटिक-आई की परेशानी से भी पीड़ित होते हैं। इन मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी विकसित होती है। इसके अलावा कुछ अन्य स्थितियां हैं जो डायबिटीज मरीजों में विकसित होते हैं, जैसे डायबिटिक मैकुलर एडिमा, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा। इन सभी स्थितियों के समूह को डायबिटिक आई कहते हैं। समय के साथ अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल आंखों को अपरिवर्तनीय नुकसान पहुंचा सकता है।

डायबिटीज आई के मरीजों में आम लक्षण हैं आंखों में धुंधलापन
आंखों में धुंधलापन इसके सबसे आम लक्षणों में से एक है। मरीजों में अक्सर इस बात की शिकायत रहती है कि उन्हें कोई वस्तु साफ दिखाई नहीं दे रही है और इसे उम्र से जुड़ी समस्या बोलकर नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि, डायबिटीज मरीजों में ब्लड शुगर बढ़ने पर उनकी दृष्टि पर असर पड़ सकता है। जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है तो आंख के पीछे स्थित रेटिना में मौजूद लाइट सेंसेटिव टिशूज की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है।

- विशेषज्ञों का कहना, हर तीन माह में रेटिना की जांच कराना चाहिए
- नियमित व्यायाम और योगाभ्यास करें।
- तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए।
- ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने, समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच।
- आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां व फाइबर युक्त भोजन को शामिल करें।