7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चर्चित जमीन विवाद: हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री शून्य करने का आदेश किया रद्द

निचली अदालत ने पूर्व युकां अध्यक्ष आसिफ मेमन के पक्ष में हुई रजिस्ट्री को शून्य कर दिया था। इस आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त करते हुए दोबारा आसिफ के पक्ष में रजिस्ट्री दर्ज करने कहा है....

less than 1 minute read
Google source verification
raipur news

मोवा इलाके के जमीन को लेकर चर्चित मामले में पूर्व युकां अध्यक्ष को राहत मिली है। जमीन की रजिस्ट्री शून्य करने के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। निचली अदालत ने पूर्व युकां अध्यक्ष आसिफ मेमन के पक्ष में हुई रजिस्ट्री को शून्य कर दिया था। इस आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त करते हुए दोबारा आसिफ के पक्ष में रजिस्ट्री दर्ज करने कहा है। इसी आदेश के आधार पर आसिफ को जमानत मिल गई।

एडवोकेट आदित्य वर्मा ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा नूर बेगम की याचिका पर वर्ष 2018 में आसिफ के पक्ष में की गई रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया गया था। इसके खिलाफ आसिफ ने हाईकोर्ट में प्रथम अपील याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने आसिफ मेमन के पक्ष में आदेश पारित करते हुए उक्त शून्य रजिस्ट्री को पुन: स्थापित किया। उनके ऊपर जो धोखाधड़ी कर जमीन अपने नाम करने का आरोप लगा था, जबकि वह पैसा देने को तैयार थे। इन बातों पर गौर किए बिना रजिस्ट्री शून्य कर दी गई थी। अब इस शून्य रजिस्ट्री को निरस्त करते हुए रजिस्ट्री को पुनः आसिफ के नाम पर दर्ज करने का आदेश पारित किया है। साथ ही, आसिफ 6 सप्ताह के भीतर नूर बेगम को सौदे की राशि 6 फीसदी ब्याज सहित देने कहा है।

चर्चित रहा है मामला

जमीन विवाद का यह मामला पिछले पांच सालों से चर्चा में है। इसी मामले में आसिफ की रिपोर्ट पर पहले नूर बेगम, दादून शाह के खिलाफ धारा 420, 384, 34 के तहत अपराध हुआ था। फिर नूर बेगम की अपील पर स्थानीय न्यायालय के द्वारा आसिफ मेमन के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। इसमें आसिफ की गिरफ्तारी भी हुई। हाईकोर्ट से उनके पक्ष में निर्णय आने के बाद आसिफ की जमानत हो गई है।