
Father's Day 2024: रिश्तों की इस भीड़ में, अपना जाने कौन। पिता हमेशा साथ हैं, दिखते बेशक मौन…। राजेश जैन की यह पंक्ति बताती है कि पिता भले खामोश रहें लेकिन उनका हाथ हमेशा बच्चों के सिर पर होता है। फादर्स डे पर आज हमने शहर के नेता-अभिनेता, अफसर और मैनेजमेंट के एक्सपर्ट (Father's Day 2024) से बात की और जाना कि उनकी जिंदगी में पिता की कौन सी बात सीख के तौर पर काम आती है।
अपने-अपने क्षेत्रों पर सफल हस्तियों ने कहा कि पिता से निष्पक्षता, ईमानदारी और समर्पण का भाव सीखा। उनकी सीख जीवन के हर कदम में काम आ रही है। आज हम जो भी हैं उनकी दी गई शिक्षा के चलते हैं। हमने अपने पाठकों के लिए फादर्स डे पर ‘ऐसे हैं मेरे पापा… सबसे अलग’ थीम पर संस्मरण या प्रेरणास्पद बातें साझा करने कहा था। राजधानी से बहुत से लोगों ने हमें इस थीम पर पोस्ट भेजी। इनमें से चुनिंदा को हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं।
सांसद और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल - पिताजी ने हमेशा सिखाया कि परिवार ही सबसे बड़ी ताकत है। इसे बांधकर रखना है। गोमाता की सेवा करनी है। वे कहते थे कि यदि आपके (Father's Day 2024) दरवाजे पर कोई जरूरतमंद आए तो खाली हाथ न जाए। उनकी सीख हमेशा काम आती है।
अभिनेता और विधायक पद्मश्री अनुज शर्मा - पिताजी बहुत सत थे। उनका कहना था कि जीवन में उसूल से बढ़कर कोई चीज नहीं होती। उसूलों के लिए हमेशा टिके रहना। उन्होंने विपरीत (Father's Day Special Story) परिस्थितियों में हिमत नहीं हारने की भी सीख दी।
एनआईटी कप्यूटर साइंस प्रोफेसर नरेश नागवानी - पिताजी कहते हैं कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। हमें अपने प्रयास जारी रखने चाहिए। इंतजार करें, सब अच्छा होता है। उनकी दूसरी बात है कि जीवन में संतुष्टि होनी चाहिए। शांति और सुकून के लिए यह भाव जरूरी है। मैं इन्हीं बातों को फॉलो (Father's Day Special Story) कर रहा हूं। इन्हीं बातों के चलते मेरे पापा सबसे अलग हैं।
रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह - मैं जिस स्कूल में पढ़ता था वहां पिताजी प्रिंसिपल थे। खास बात यह कि मुझे किसी तरह की रियायत नहीं मिली। उनकी नजर सबके लिए बराबर थी। स्कूल में मैंने उनसे डांट खाई और कुटाई भी हुई। उनसे मैंने निष्पक्ष रहना सीखा जो आज भी मेरे कॅरियर में काम आ रहा है।
एसएसपी रायपुर संतोष सिंह- पिता पत्रकार रहे। वे कभी बायस्ड नहीं रहे। किसी भी बात के निष्कर्ष पर वे तभी पहुंचते थे जब दोनों पक्षों की सुन नहीं लेते थे। मेरे जीवन (Father's Day 2024) में भी उनकी इस खूबी का असर पड़ा। मैं हर समस्या और उसके नतीजों का कई तरह से आकलन करने की कोशिश करता हूं।
संगीत शिक्षक रायपुर भारतभूषण सोनी - पापा ज्ञान कुमार सोनी शासकीय स्कूल में व्यायाता रहे। घर में बिजली नहीं थी तो वे स्ट्रीट लाइट के नीचे घंटों पढ़ते। पुराने कॉपियों को धोकर स्याही मिटने पर उसी में लिखा करते थे क्योंकि नई कॉपी के लिए पैसे नहीं थे। रायपुर आकर आगे की पढ़ाई की। सुबह स्कूल फिर दोपहर धूप में फल्ली ठेला चलाते। बतौर टीचर पहली पोस्टिंग सुकमा में हुई।
सेवानिवृत्त होने पर भी रायपुर के 2 शासकीय स्कूलों और 1 प्राइवेट स्कूल में पढा़ते और संगीत सिखाते हैं। मुझे भी पापा ने 6वीं से 9वीं तक संस्कृत पढ़ाया है। मेरे अलावा सभी छात्रों को 100 में 100 अंक मिलते रहे। मेरे जीवन में संगीत लाने वाले पापा ही हैं, उन्हीं से सीखा और आज संगीत शिक्षक, की-बोर्ड वादक के रूप में पहचान बना पाया हूं। उन्होंने कभी भी कमजोरियों को खुद पर हावी नहीं होने दिया। इसलिए मेरे पापा सबसे अलग हैं।
अविनाश ग्रुप आनंद सिंघानिया- पिताजी कहना था कि सोच बड़ी होनी चाहिए। उन्होंने हमेशा सिखाया कि किसी से भी कोई कमिटमेंट करो उसे जरूर पूरा करो। दी गई (Father's Day 2024) जुबान से कभी पीछे मत हटो। तरक्की के लि ए विजन बड़ा होना चाहिए।
Published on:
16 Jun 2024 01:37 pm
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