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दूसरी लहर का डर: त्यौहार बाद बिगड़ सकते हैं हालात, 80 प्रति. कोरोना मरीजों में लक्षण ही नहीं थे

इस बार कोरोना महामारी का दौर है। जरा सी भी लापरवाही फिर से छत्तीसगढ़ की संभलती स्थिति पर भारी पड़ सकती है। विशेषज्ञ और खुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि भले ही सितंबर में कोरोना का पीक गुजर गया हो, मगर त्यौहार में नियम टूटे तो कोरोना की दूसरी लहर नवंबर के तीसरे-चौथे हफ्ते में आ सकती है।

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रायपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमित 1.73 लाख मरीजों में से 80 प्रतिशत में या तो कोई लक्षण नहीं थे, अगर थे भी तो बहुत हल्के थे। ऐसे में यह आशंका जाहिर की जा रही है कि गैर संक्रमितों (जो अब तक संक्रमित नहीं हुए) के साथ इन 80 प्रतिशत लोगों को भी दोबारा संक्रमण का खतरा बरकरार है।

क्योंकि प्रदेश में 20 से अधिक मामले ऐसे दर्ज हो चुके हैं जो कोरोना को मात देने के बाद दोबारा संक्रमित हुए। इनमें डॉक्टर, आईपीएस अधिकारी, पुलिस जवान शामिल हैं। इसलिए अगले 30 दिन चुनौती बहुत बड़ी है। कोरोना की दूसरी लहर की भी आशंका साथ-साथ बनी हुई है।

कॉल होते ही इम्यूनाइजेशन सेंटर तक पहुंचेगी वैक्सीन, छोटे कोल्डचेन सेंटर बनाने के लिए सर्वे का काम जोरों पर

साल के सबसे बड़े त्यौहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। बाजार गुलजार हैं। खरीदार तैयार हैं। मगर, इस बार कोरोना महामारी का दौर है। जरा सी भी लापरवाही फिर से छत्तीसगढ़ की संभलती स्थिति पर भारी पड़ सकती है। विशेषज्ञ और खुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि भले ही सितंबर में कोरोना का पीक गुजर गया हो, मगर त्यौहार में नियम टूटे तो कोरोना की दूसरी लहर नवंबर के तीसरे-चौथे हफ्ते में आ सकती है। हालांकि दूसरी लहर का कितना असर होगा, इसे लेकर अभी विशेषज्ञों मतभेद हैं। कुछ कह रहे हैं कि डेथरेट में इजाफा होगा तो कुछ कह रहे हैं रिकवरी रेट घटेगा।

मेडिकल कॉलेज के एक और विभागाध्यक्ष दोबारा संक्रमित

पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अंतर्गत संचालित एडवांस कॉर्डियक इंस्टीट्यूट के एक विभागाध्यक्ष दोबारा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि उनकी तबीयत ठीक है, मगर उन्होंने बताया कि वायरस लोड इस बार पिछले वाली की तुलना में अधिक है। उनका कहना है कि उन्होंने पूरी सावधानी बरती थी, मगर वायरस कहां से आया पता नहीं।

हमारी अपनी क्या जिम्मेदारी

1- बाजार जाएं तो मास्क लगाकर।

2- खरीदारी में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें।

3- सेनिटाइजर साथ रखें, नियमित इस्तेमाल करें। हाथ साबून से धोते रहें।

बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान

त्यौहार में मेहमानों का, पड़ोसियों का घर आना जाना होता है। ऐसे में बुजुर्गों से मिलना-जुलना होगा। यही उनके लिए खतरा है। क्योंकि कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा बुजुर्गों को अपनी चपेट में लिया है। सबसे ज्यादा मौतों में ५० साल से अधिक आयुवर्ग के लोग शामिल हैं। इसलिए इस त्यौहार मिलना-जुलना न करें। वीडियो कॉल का इस्तेमाल करें। ताकि बात भी हो जाए और अपनों के चेहरे भी दिख जाएं। इस त्यौहार अपनों को संक्रमित होने से बचाना है तो इतना तो करना होगा।

कई देशों में लौटा कोरोना

दुनिया के कई देश जहां कोरोना का असर समाप्त होता दिख रहा था मगर इन देशों में कोरोना ने वापसी की है। जिनमें इटली, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड प्रमुख रूप से शामिल है। क्योंकि इन देशों में नियमों का उल्लंघन शुरू हो गया था। वर्तमान में इटली और ब्रिटेन में लॉकडाउन की नौबत तक आ गई है।

केंद्र की एक्सपर्ट कमेटी आशंका जता चुकी है

केंद्र सरकार की एक्सपर्ट कमेटी के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बीते दिनों कहा था कि सर्दियों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से इनकार नहीं कर सकते।

अभी रायपुर में 200 के करीब मरीज मिल रहे हैं, त्यौहार के बाद 400-450 तक मिल सकते हैं। क्योंकि लोग जांच नहीं करवा रहे, दूसरी नियमों का पालन नहीं हो रहा। महामारी के साल में त्यौहार सादे ढंग से मना सकते हैं।

-डॉ. आरके पंडा, विभागाध्यक्ष टीबी एंड चेस्ट, डॉ. आंबेडकर अस्पताल एवं सदस्य कोरोना कोर कमेटी

मुझे लगता है कि लोग रिलेक्स हो गए हैं। हमारी यही लापरवाही कोरोना को निमंत्रण देगी। जीवन शैली जैसे लॉकडाउन में थी वैसी ही रखने की आवश्यकता है।

-डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग

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