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सीएसवीटीयू में अब 60 प्रतिशत अंक लाने पर प्रथम श्रेणी

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में पहले 65 प्रतिशत अंक लाने पर मिलता था फस्र्ट डिवीजन

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सीएसवीटीयू में अब 60 प्रतिशत अंक लाने पर प्रथम श्रेणी

सीएसवीटीयू में अब 60 प्रतिशत अंक लाने पर प्रथम श्रेणी

रायपुर. छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) से बीटेक, बीआर्क और पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों के लिए प्रथम श्रेणी के मापदंड बदल दिए गए हैं। परीक्षा में अब 60 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रथम श्रेणी देगा। पूर्व में सीएसवीटीयू में प्रथम श्रेणी लाने के लिए परीक्षार्थियों को ६५ प्रतिशत अंक लाना जरूरी होता था। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में यह नियम बदला गया है। विवि प्रबंधन ने अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके मुताबिक अब 60 फीसदी अंक में प्रथम श्रेणी दिया जाएगा। इस नियम से उन छात्रों को फायदा होगा, जो 64 प्रतिशत तक अंक लाने के बावजूद द्वितीय श्रेणी की मार्कशीट लेकर घूमते थे। विश्वविद्यालय से पास हुए विद्यार्थियों को अच्छा रोजगार मिले सीएसवीटीयू प्रशासन ने नियम में परिवर्तन किया।
रविवि के जमाने की प्रथा बदली

64 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रो को प्रथम श्रेणी में शामिल नहीं करने का नियम उस वक्त का है,जब इंजीनियरिंग रायपुर पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में संचालित होता था। बाद में जब छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) बना तब भी 65 फीसदी में ही प्रथम श्रेणी का प्रावधान था। इसमें कभी बदलाव नहीं किया गया। दरअसल, उस वक्त विषय में अंकों के विभाजन और सेशनल की मार्किंग अलग होती थी, जिससे मेहनती लड़के प्रथम श्रेणी तक पहुंचा करते थे। अब बदले हुए परिवेश में विवि ने अलग मार्किंग सिस्टम से ग्रेड बनाना शुरू किया, जिससे चंद अंकों से ही इंजीनियरों को द्वितीय श्रेणी मिलने लगा, इससे उनके कॅरियर पर असर पड़ा रहा था। यह मुद्दा कार्यपरिषद की बैठक में रखा गया। सदस्यों से नियम में बदलाव की मंजूरी दे दी। यानी 20 साल के बाद यह नियम बदला गया।
इसके लिए होगा लागू
सीएसवीटीयू प्रशासन ने कहा है कि बदला हुआ यह नियम शिक्षा सत्र नवंबर-दिसंबर 2018 या इसके बाद उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों पर लागू होगा। खास बात यह है कि ऐसे विद्यार्थी की पूर्व परीक्षा में मिली अंकसूचियों में श्रेणी के बदलाव भी विवि से व्यवस्था की जाएगी। विवि प्रशासन ने कहा है कि नियम बदलने से सबसे अधिक फायदा बीटेक के विद्यार्थियों को होगा, जिनकी अब जॉब मार्केट में बेहतर मौके मिलेंगे।
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के सम कुलपति डॉ. मनोज कुलश्रेष्ठ का कहना है कि विश्वविद्यालय के छात्रों को इस बदलाव का फायदा मिलेगा। नवंबर में कार्यपरिषद की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा था, जिसके बाद सर्व सम्मति से समिती ने 65 प्रतिशत की जगह 60 प्रतिशत अंक प्रथम श्रेणी के लिए निर्धारित किया है। शिक्षा सत्र नवंबर-दिसंबर 2018 या इसके बाद उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों पर भी लागू होगा।