
घरेलू सिलेंडर दुगने दाम में बेच कर काला बाजारी कर रहे लोग, हॉटलों में हो रहा धड़ाधड़ उपयोग
धमतरी. महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाने और आदर्श ईंधन को घर-घर तक पहुंचाने का शासन का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। हितग्राही सिलेंडर लेकर इसे ब्लेक दोगुनी कीमत पर बेच रहे हैं। ऐसे में हॉटलों संचालक कर्मिशयल की जगह अब घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। दूसरी ओर उपभोक्ताओं को गैस की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। इसके बाद भी अधिकारी कार्रवाई करने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र शासन ने गैस सिलेंडर की कालाबाजारी को रोकने और आदर्श ईंधन को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से मई-2015 से प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना की शुरूआत की है। इसके तहत बीपीएल परिवार जिनका वर्ष-2011 की जनगणना सर्वे सूची में नाम है, उन्हें नि:शुल्क गैस कनेक्शन वितरण किया जा रहा है। एक बड़े पैमाने पर घरेलू गैस सिलेंडर का वितरण होने से अब इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई है। पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि कुछ हितग्राही अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में घरेलू गैस सिलेंडर को ब्लेक में दोगुनी कीमत पर बेच रहे हैं। होटल संचालक इसका खुलकर फायदा भी उठा रहे हैं। शहर के अधिकांश होटल संचालक कर्मिशियल की जगह अब घरेलू गैस सिलेंडर का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इसकी चिंता विभागीय अधिकारियों को नहीं है।
खाद्य अधिकारी के बीके कोर्राम ने कहा कि समय-समय पर हॉटलों में दबिश देकर जांच की जाती है। हितग्राहियोंं को भी समझाईश दी जा रही है।
उधर त्यौहारी सीजन होने के चलते पहले ही गैस एजेंसियोंं में गैस सिलेंडर की कमी बनी हुई है। हॉटलों में इसका उपयोग किए जाने से अब उपभोक्ताओंं को गैस सिलेंडर लेने के लिए एजेंसियोंं का चक्कर काटना पड़ रहा है। उपभोक्ता दिनेश मरकाम, बल्लू देवांगन, ने बताया कि वह पिछले दो दिन एक गैस एजेंसी का चक्कर काट रहा है।
्रसूत्रोंं की मानेंं तो वर्ष-2018-19 में खाद्य विभाग ने उज्ज्वला गैस योजना के तहत २३ हजार ५ सौ हितग्राहियों को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। जबकि योजना शुरू होने से लेकर अब तक जिले के करीब 1 लाख 20 हजार हितग्राहियों को कनेक्शन दिया गया है। एक जानकारी के अनुसार जिले मेंं करीब 11 गैस एजेंंसियां है, जिनके करीब साढ़े ६ लाख से ज्यादा उपभोक्ता है। उज्जवला को मिलाकर करीब 8 लाख हितग्राही है।
वर्तमान मेंं घरेलू गैस सिलेंडर 850 रूपए में मिल रहा है, जबकि कर्मिशियल सिलेंडर की कीमत 1820 रूपए है। एक गरीब व्यक्ति के लिए हर माह यह रकम इकट्ठा कर पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में वह सिलेंडर को दोगुनी कीमत में होटल संचालकोंं को बेच रहे हैं। उनके खाते से गैस रिफलिंग कराने से कनेक्शन एक्टिव होने के साथ ही सब्सिडी का लाभ भी मिल रहा है। यही नहीं उन्हें सिलेंडर के बदले दोगुनी कीमत भी मिल रही है। यही कारण है कि हितग्राही मुनाफे के चक्कर में सिलेंडर को बेच रहे हैं।
Updated on:
20 Aug 2018 05:34 pm
Published on:
20 Aug 2018 05:28 pm
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