
Railway Updates: रेलवे के ट्रेन कैंसिलेशन और मार्ग परिवर्तन से हर एक यात्री परेशान है। लोग तीन से चार महीना पहले टिकट लिए हों या सप्ताह-पंद्रह दिन पहले। दोनों को जूझना पड़ रहा है। कोई टिकट कैंसिल कराने तो कोई किसी भी तरह सफर करने के लिए भाग-दौड़ का सामना कर रहा है। रायपुर से बिलासपुर के बीच ही सफर मुश्किल हो गया है। दुर्ग से दानापुर बिहार के लिए रेलवे ने एक फेरे के लिए स्पेशल ट्रेन चलाया, परंतु यह दुर्ग से चलने वाली ट्रेन 5 घंटा देरी से रायपुर स्टेशन में पहुंची। जबकि इस ट्रेन से बिलासपुर जाने के लिए सैकड़ों यात्री दोपहर दो बजे से पहले पहुंच गए थे। क्योंकि इस ट्रेन का समय 2.15 बजे था।
हर ट्रेन ठसाठस, बसों तक में जगह नहीं
दुर्ग तरफ से जाने और बिलासपुर तरफ से आने वाली ट्रेनें पहले से ही ठसाठस चल थीं, उस पर 7 से 8 लंबी दूरी की ट्रेनों को मार्ग बदलकर बिलासपुर से कटनी के रास्ते चलाने से मुसीबत चार गुना बढ़ गई है। थोक में ट्रेन कैंसिलेशन जैसे समय में भी रेलवे समय पर न तो ट्रेन चला रहा है और न ही कोई वैकल्पिक ट्रेन, जिससे कि इतवारी से लेकर बिलासपुर के बीच यात्री आसानी से सफर कर सके। ऐसी ही िस्थति बसों की भी है। रायपुर बस स्टैंड से दुर्ग तरफ और बिलासपुर दोनों तरफ पैक रवाना हो रही हैं।
यात्रियों की आपबीती, उन्हीं की जुबानी
कई यात्रियों ने पत्रिका से चर्चा के दौरान अपनी आपबीती सुनाई। रुपाली ने बताया कि उन्हें जरूरी काम से रायपुर से बिलासपुर जाना था तो दुर्ग-दानापुर स्पेशल ट्रेन के थर्ड एसी का टिकट 975 रुपए कंफर्म लिया था। रायपुर स्टेशन में गाड़ी आने का समय दोपहर 2.15 बजे से पहले वह बच्चे को लेकर स्टेशन पहुंच गई, परंतु ट्रेन के बारे में कोई सूचना नहीं दी जा रही थी न ही डिस्प्ले में इस ट्रेन का कोई जिक्र। इससे परेशान होकर जब पूछताछ केंद्र से संपर्क किया, तब पता चला कि अभी दुर्ग से ही यह ट्रेन नहीं चली। ऐसी िस्थति दो घंटे इंतजार के बाद की थी। 975 रुपए डूब गया। तिरूपति-बिलासपुर ट्रेन आने का एनाउंसमेंट हुआ तो उन्हें जनरल काउंटर से टिकट लेना पड़ा और टीटीई को पेनाल्टी देकर थर्ड एसी की बर्थ मिली। उनके साथ तीन साल का बच्चा भी था। साढ़े तीन बजे रायपुर से रवाना होने वाली तिरूपति एक्सप्रेस भी करीब 4 .10 बजे रवाना हुई। इससे सैकड़ों यात्रियों की दिक्कतों को समझा जा सकता है।
जितनी देर का सफर, उससे अधिक स्टेशन में इंतजार
बिलासपुर जाने के लिए घर से दोपहर 12, 1 बजे निकलने वाले लोग पहुंच रहे शाम 7 बजे तक। क्योंकि ट्रेनों की घंटों लेटलतीफी के कारण कनेक्टिव ट्रेनें छूट रही हैं। बिलासपुर आउटर पर 45 मिनट तक ट्रेनों को रोक दिया जाता है। रायपुर-बिलासपुर की दूरी महज 110 किमी है और एक्सप्रेस में 2 घंटे और पैसेंजर में 3 से 4 घंटे आमतौर लगता है। परंतु रायपुर से शाम को 4 बजे रवाना होने वाली तिरूपति एक्सप्रेस बिलासपुर 7 बजे तक पहुंची। ये व्यथा सिर्फ एक यात्री की नहीं, ब्लकि दुर्ग-दानापुर स्पेशल ट्रेन समेत घंटों लेट चलने वाली कई ट्रेनों के यात्रियों की है।
साउथ बिहार और बरौनी एक्सप्रेस में एक-एक अतिरिक्त
रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की लगातार आवाजाही बढ़ने की िस्थति में दुर्ग,रायपुर से होकर चलने वाली 2 जोड़ी गाड़ियों में स्लीपर कोच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। गाड़ी संख्या 15232/15231 गोंदिया-बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर कोच गोंदिया तरफ से 9 से 14 नवम्बर तक तथा बरौनी तरफ से 8 से 13 नवम्बर तक उपलब्ध रहेगा। इसी तरह गाड़ी संख्या 13287/13288 दुर्ग-राजेन्द्रनगर-दुर्ग साउथ विहार एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा दुर्ग तरफ से 9 से 15 नवम्बर तक तथा राजेन्द्रनगर तरफ से 7 से 13 नवम्बर तक मिलेगी।
Published on:
07 Nov 2022 11:11 pm
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