बतादंे कि आरपी पाण्डेय 1965 के अलावा 1971 के युद्ध में भी शरीक हुए थे। आरपी पाण्डेय बताते हैं कि पाकिस्तान अपने आधुनिक हथियारों के दम पर उछल रहा था,लेकिन उसे नही पता था कि युद्ध सही नीतियों से जीता जाता है। उनका कहना है कि कुछ विदेश नीतियों के कारण सेना वापस लौटना पड़ा न हीं तो सेना लाहौर तक कब्जा कर लेती। 33 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना वर्दी के पांच अगस्त 1965 को कश्मीर पर हमला किया और जिसकी जवाबी कार्यवाही में भारत के सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया।