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कौशल्या माता विहार में अंडर ग्राउंड बिजली में फाल्ट आया तो भुगतो

Raipur News: सबसे बड़ी सरकारी और महंगी कॉलोनी कौशल्या विहार (कमल विहार) के रहवासी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान हैं।

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If there is a fault in electricity, you will suffer Raipur

कौशल्या माता विहार

रायपुर। Chhattisgarh News: सबसे बड़ी सरकारी और महंगी कॉलोनी कौशल्या विहार (कमल विहार) के रहवासी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान हैं। आरडीए से महंगा प्लाॅट खरीदकर मकान बनाने वालों को स्थायी बिजली कनेक्शन लेने में काफी तकलीफ झेलनी पड़ रही है। ऐसे में उन्हें हजारों रुपए खर्च कर अस्थायी तौर पर आस-पास के क्षेत्रों के खंभों से तार खींचकर अतिरिक्त बिल भरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे बड़ी मुसीबत अंडर ग्राउंड लाइन में फाल्ट को ढूंढने और सुधारने में आरडीए की ठेका एजेंसी को महीनों लग रहे हैं। क्योंकि उसे किराए पर गाड़ी बुलानी पड़ती है, तब कभी जाकर किस जगह पर खराबी है, उसका पता चलता है।

आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने का सपना दिखाकर आरडीए ने प्लाॅट तो बेचा है। लोगों को ये बताया गया बिजली, पानी, टेलीकम्युनिकेशन केबल, सीवरेज सिस्टम सब अंडर ग्राउंड रहेगा। इस कॉलोनी क्षेत्र में कहीं इधर-इधर झूलते हुए तार नजर नहीं आएंगे। परंतु अब घर बनाने वालों के लिए अंडर ग्राउंड सिस्टम ही भारी पड़ रहा है। किसी तरीके से अस्थायी कनेक्शन लेकर लोग मकान तो बना रहे हैं, लेकिन अंडर ग्राउंड बिजली केबल का फाल्ट ठीक कराने में आरडीए की ठेका कंपनी को पसीना छूट रहा है। फाल्ट सुधारने में 15 से 20 दिन लग रहे हैं। हैरानी ये कि अंडर ग्राउंड केबल डैमेज होने का पता लगाने में ही 10 से 12 दिन लग रहे हैं। क्योंकि आरडीए के ठेका एजेंसी के पास खुद का संसाधन ही नहीं है। इसी उधेड़बुन के चलते सेक्टरों में रहने वाले रहवासी परेशान हैं।

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आसपास की कॉलोनियों के खंभों से तार खींचने को मजबूर

कमल विहार में प्लाॅट खरीदने से लेकर उसमें मकान बनाने में 30 से 40 लाख रुपए की लागत आती है। लोग किसी तरह मकान बनाने के बाद कमल विहार के अंडर ग्राउंड बिजली सिस्टम से कनेक्शन के लिए परेशान हैं। मकान के सामने 6 से 7 फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद कई दिनों तक कनेक्शन नहीं जोड़ने के कारण पूरा परिवार परेशान होता है। बच्चों को तो सबसे ज्यादा खतरा होता है। क्योंकि लकड़ी का पाटा लगाकर किसी तरह से घर के अंदर आना-जाना करना पड़ता है। जबकि इस समस्या से आरडीए के तकनीकी अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद फाल्ट ढूंढने और उसे सुधारने का काम कछुआ चाल जैसा ही चलता है। दरअसल, कमल विहार का सेक्टर-1 दो तरफ की कॉलोनियों के करीब है। एक तरफ राधा विहार कृष्णानगर और दूसरी तरफ दावड़ा कॉलोनी है। वहां जो बिजली के पोल लगे हुए हैं, उससे तार फंसाकर कमल विहार सेक्टर-1 में मकान बनाने वालों को कनेक्शन लेना पड़ रहा है।

अंडर ग्राउंड बिजली केबल और स्टेशन सिस्टम में कोई खराबी नहीं है। निर्माण के दौरान ही बिजली केबल डैमेज होने की िस्थति में ऐसी नौबत आती है। लोगों को स्थायी कनेक्शन में कोई दिक्कत नहीं होगी। एजेंसी से फाल्ट वाली जगहों को तेजी से सुधरवाया जाएगा। - एमएस पांडेय, अधीक्षण अभियंता, आरडीए

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