
Durg-Visakhapatnam Vande Bharat Express: दुर्ग-विशाखापट्टनम के लिए शुरू हुई नई वंदे भारत ट्रेन को यात्री नहीं मिल रहे हैं। 20 सितंबर से यह ट्रेन नियमित समय से दौड़ रही हैं, लेकिन लोगों का रुझान ट्रेन के प्रति नहीं दिख रहा है। ऐसे में रेलवे ( Indain Railway ) नुकसान से बचने के लिए बड़ा फैसला ले सकती है।
Indian Railway: दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत ट्रेन के लिए रेलवे के सामने बड़ी चुनौती है। क्योंकि, एक तरफ जहां मुख्य रूट की ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए मारामारी की स्थिति है। वहीं 16 कोच की वंदे भारत ट्रेन ( Vande Bharat ) में तीन दिनों में केवल 488 यात्री ही सफर किए।
ऐसे में रेलवे को यह ट्रेन भारी पड़ रही है। क्योंकि, इस ट्रेन के चलने को लेकर यात्रियों में कोई खास उत्साह नहीं दिख रहा। बड़ी वजह महंगा किराया है। ऐसे में दोनों तरफ से वंदे भारत खाली-खाली ही दौड़ रही। रेलवे सूत्रों के अनुसार अभी दशहरा-दिवाली पर्व पर तक देखेंगे कि वंदे भारत ट्रेन को कितने यात्री मिल सकते हैं। वरना बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन का जिस तरह से 8 कोच कम करने पड़े हैं, वैसा ही दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदेभारत का भी करना पड़ेगा। 1128 सीटों वाली इस ट्रेन में हर दिन 150 से 160 यात्री ही इस ट्रेन में बैठ रहे हैं।
जबकि, रायपुर स्टेशन से यह ट्रेन छूटने के एक घंटे बाद जैसे ही समता एक्सप्रेस आती है तो स्लीपर कोच से लेकर एसी कोच में ज्यादा यात्री सवार होते हैं। ऐसे में अब यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि यदि वंदे भारत ट्रेन रायपुर से प्रयाग राज जैसे रूट पर चलती तो यात्रियों का टोटा नहीं पड़ता।
Updated on:
11 Oct 2024 03:44 pm
Published on:
23 Sept 2024 03:52 pm
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