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भारत का पहला AI स्पेशल इकोनॉमिक जोन छत्तीसगढ़ में, 1 लाख से ज्यादा GPU होंगे स्थापित, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

Raipur News: छत्तीसगढ़ में भारत के पहले एआई केन्द्रित स्पेशल इकोनॉमिक जोन (सेज/SEZ) के निर्माण की शुरुआत हो गई है। इसका निर्माण पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़ में डिजिटल भविष्य की नई शुरुआत होगी।

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छत्तीसगढ़ का डिजिटल भविष्य (फोटो सोर्स- Getty Images)

छत्तीसगढ़ का डिजिटल भविष्य (फोटो सोर्स- Getty Images)

CG News: राहुल जैन. छत्तीसगढ़ में भारत के पहले एआई केन्द्रित स्पेशल इकोनॉमिक जोन (सेज/SEZ) के निर्माण की शुरुआत हो गई है। इसका निर्माण पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़ में डिजिटल भविष्य की नई शुरुआत होगी। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, ओपनएआई, मेटा, इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स कॉर्पोरेशन (आईबीएम) जैसी बड़ी कंपनियों के छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए रास्ते खुलेंगे।

एआई सेज से छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि भारत की प्रतिभाओं का पलायन भी रुकेगा। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही छत्तीसगढ़ की देश और दुनियां में अपनी एक नई पहचान बनेगी। इसमें 1,00,000 से अधिक ग्राफ़िक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) लगेगी। इसके आधार पर ही देश-विदेश की आईटी कंपनियां छत्तीसगढ़ में निवेश करेंगी।

सेमीकंडक्टर का भी हब बनेगा

एआई सेज का निर्माण ‘इंटीग्रेटेड ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी’ नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर 22 में हो रहा है। यहां देश का पहला अत्याधुनिक एआई डेटा सेंटर पार्क होगा, जो केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि पूरे डिजिटल इकोसिस्टम की शुरुआत है। यह पहल नवा रायपुर को भविष्य में एआई और सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करेगी। ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखते हुए इसमें अत्याधुनिक कूलिंग सिस्टम का उपयोग होगा, जो ऊर्जा खपत में लगभग 70 फीसदी तक की बचत करेगी। यह इसे भारत के सबसे उन्नत डेटा सेंटर पार्कों में से एक बनाता है।

युवाओं को होगा फायदा

पहले चरण में लगभग 200 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जिसे आने वाले वर्षों में 500 तक बढ़ाया जाएगा। यहां स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाकर युवाओं को एआई, डेटा एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों में दक्ष बनाया जाएगा। इससे न केवल प्रतिभा को अवसर मिलेगा बल्कि प्रदेश डिजिटल टैलेंट का प्रमुख स्रोत भी बनेगा।

आसान शब्दों में फायदें

आईटी कंपनियां उन्हीं जगहों पर निवेश करती है, जहां उन्हें डेटा एकत्र करने की सुविधा रहे। यहां डेटा सेंट्रलाइज होगा। सॉफ्टवेयर बनाने की दिशा में तेजी से काम होगा। एआई की नई तकनीक विकसित करने का मौका मिलेगा। जिन कंपनियों के पास हैवी सिस्टम नहीं है, वो यहां क्लाउड कम्प्यूटिंग से सॉफ्टवेयर बना सकते हैं।

1.50 लाख वर्ग फीट का डेटा सेंटर तैयार होगा

यह स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन पूरी तरह से कंप्यूटर, इंटरनेट और एआई से जुड़ा होगा। इस परियोजना का विकास रैकबैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड कर रहा है। इसमें पहले चरण में करीब 1000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। यह एसईजेड लगभग 13.5 एकड़ में फैला होगा। इसमें आधुनिक तकनीक से लैस 1.5 लाख वर्ग फीट का डेटा सेंटर तैयार होगा। भविष्य में चार हाई-डेंसिटी डेटा सेंटर बनाने की योजना है, जो कई राज्यों के डिजिटल नेटवर्क को संभाल सकेगी।

खास बातें

  • 13.5 एकड़ में होगा एआई सेज का निर्माण।
  • 1000 करोड़ रुपए का निवेश पहले चरण में।
  • 01 लाख से अधिक जीपीयू का होगा इस्तेमाल।
  • 80 मेगावॉट बिजली क्षमता पहले चरण में।
  • 160 मेगावॉट तक चार चरण में होगा विस्तार।

इन क्षेत्रों में बदलाव

  • आईटी सेक्टर: कंपनियां प्रदेश में निवेश करेगी। इससे युवाओं को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
  • शिक्षा और कौशल विकास: विश्वविद्यालयों व संस्थानों की साझेदारी से आधुनिक तकनीक की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।स्वास्थ्य सेवा: हेल्थ टेक कंपनियां टेलीमेडिसिन, स्मार्ट डायग्नोसिस और डिजिटल हैल्थ रिकॉर्ड जैसी सेवाएं विकसित करेंगी।कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था: एआई तकनीक से स्मार्ट खेती, मौसम पूर्वानुमान, मृदा विश्लेषण और फसल उत्पादन में सुधार।

राज्य सरकार नवा रायपुर को डिजिटल और इनोवेशन आधारित इकोनॉमी का मॉडल बनाएगी। इसका सीधा लाभ युवाओं को मिलेगा, जो डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षित होकर रोजगार और स्टार्टअप्स के नए अवसर पाएंगे। - ओपी चौधरी, मंत्री आवास एवं पर्यावरण विभाग