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महाशिवरात्रि को वैलेंटाइन से कम्पेयर करना सही नहीं – अजय भाईजी

विरोध किसी समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि उससे समस्याएं उलझ जाती हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम वह कहलाते हैं जिससे जरिए आपको अच्छे संस्कार प्राप्त हों।

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रायपुर . विरोध किसी समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि उससे समस्याएं उलझ जाती हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम वह कहलाते हैं जिससे जरिए आपको अच्छे संस्कार प्राप्त हों। यह कहना है दिल्ली के प्रसिद्ध भजन गायक और अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्र प्रचारक अजय भाईजी। उनसे की गई बातचीत के विशेष अंश...

- आपको लगता है कि भजन पश्चिमी गीतों के सामने पीछे हो गया है?
ये बात सच है कि भजन सुनने वाले लोग अब विरले ही हैं, लेकिन अभी हमारी संस्कृति पर वेस्टर्न इतना हावी नहीं हुआ कि उसे पीछे कर दे। देश में एेसे कई भजन गायक हैं जिसे लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं। बदलाव तो हुआ है पर हावी नहीं हुआ।

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- आपको लगता है कि यूथ वैलेंटाइन को एपरीसियेट् करेंगे?
महाशिवरात्रि से वैलेंटाइन का कम्पेरीजन हो ही नहीं सकता। शिवरात्रि ? हमारी संस्कृति का अहम अंग है। रही बात वैलेंटाइन की तो यह हमारे देश का है ही नहीं। यूथ का अपना अपना थॉट है जिसे एपरीसियेट् करें। मेरा बस यह मानना है कि हमारे जो संस्कार हैं वह संस्कृति के खिलाफ न हो।

- आप राष्ट्र प्रचारक भी हैं, इस क्षेत्र में कैसे आना हुआ?
मेरा बैकग्रांउड आर्मी फैमिली से है तो देश के लिए कुछ करने का जज्बा तो हमेशा से था।
एक बार मैं कहीं बैठा तो किसी मुद्दे पर मैने कहा कि इसमें यह सुधार हो तो किसी ने वहीं बोला कि तुम क्यों नहीं करते। उस दिन से ठान लिया कि कुछ करना है।

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- कितनी जगहों पर आप राष्ट्र प्रचार कर चुके हैं?
मैं सालभर में करीब २० से २५ देशों की यात्रा करता हूं। मेरा मकसद है कि भारत की जो संस्कृति है उसे लोग और बेहतर तरीके से जानें और समझ सकें। अभी दिल्ली में हम लोग राष्ट्र और रामायण मंदिर बनवाने जा रहे हैं जो हमारे देश के सैनिकों की वीरगाथा बताएगा।