
राजधानी में पीलिया का कहर, हाईकोर्ट ने 48 घंटे में नहरपारा को खाली कराने के दिए आदेश
रायपुर . राजधानी में पीलिया से हो रही मौतों पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को सख्त आदेश सुनाया है। 4 साल पहले प्रदूषित पानी को लेकर मनोज देवांगन की दायर जनहित याचिका पर जस्टिस टीबी राधाकृष्णन एवं जस्टिस शरद कुमार गुप्ता की युगलपीठ ने इसे आपदा घोषित करते हुए जोन क्रमांक-2 के प्रभावित मोवा नहरपारा क्षेत्र को 48 घंटे के भीतर खाली कराने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा- अब तक रायपुर के प्रभावित क्षेत्र में 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 104 लोग पीलिया से बुरी तरह प्रभावित हैं। इन परिस्थितियों में कोर्ट चुप नहीं बैठ सकता। नगर निगम अपने खर्चे से इन क्षेत्र के रहवासियों को अस्थायी कैंपों में शिफ्ट करे और इनके खाने-पीने का भी पुख्ता इंतजाम करें। साथ ही इनके घरों की सुरक्षा का जिम्मा राज्य शासन, नगर निगम तथा पुलिस का होगा। इससे पहले मुआवजे के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए राज्य के सभी नगर निगमों को पानी की जांच करने के निर्देश दिए थे।
साथ ही न्यायमित्रों को नियुक्त कर जल आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करने के संबंध में सुझाव देने के निर्देश दिए थे। राजधानी में अब तक पीलिया से 6 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें ज्यादातर मृतक मोवा क्षेत्र से ही हैं। वहीं, इस क्षेत्र में कैम्प लगाकर लिए गए रक्त सैंपलों की जांच के बाद 104 मरीज पीलियाग्रस्त पाए गए हैं।
पानी में इ-कोलाइ और बैक्टीरिया : प्रभावित क्षेत्रों में निगम की ओर से सप्लाइ किए जाने वाले पानी में इ-कोलाइ के साथ बैक्टीरिया की भी मौजूदगी देखने को मिली है। पर्यावरण संरक्षण मंडल ने भी पानी की जांच रिपोर्ट में बैक्टीरिया की पुष्टि की थी। वहीं, जोन-2 आयुक्त का कहना है कि संक्रमण फैलने के बाद से अब तक इन क्षेत्रों में 55 पाइप लाइनों को ऊपर करने सहित 25 मीटर लाइनों को नालियों से दूर किया गया है।
2014 में गई थी 43 लोगों की जान : राजधानी में यह आपदा नई नहीं है। 2014 में भी डीडी नगर समेत शहर के कुछ इलाकों में पीलिया का संक्रमण फैला था। उस दौरान 43 लोगों की जान चली गई थी, साथ ही सैकड़ों लोग इससे प्रभावित हुए थे। इस दौरान भी नगर-निगम द्वारा पानी की सप्लाइ में ही खामियां देखने को मिली थी। जिस पर मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया था।
इस आदेश के बाद नहरपारा कांपा की बड़ी आबादी को शिफ्ट करना होगा। इस क्षेत्र के लगभग 200 परिवारों को शिफ्ट किया जाएगा। लगभग 1500 लोगों के रहने-खाने का इंतजाम नगर निगम के जिम्मे होगा। इस क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले 37 दिनों से लगातार शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में अब तक 8000 क्लोरीन की गोलियों के साथ लोगों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।
पीलिया से प्रभावित नहरपारा इलाके में पॉलीथीन से अटी पड़ी नालियां से गुजर रहा पानी का पाइपलाइन
नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का हम शब्दश: अनुपालन करेंगे। जो भी परिवार शिविरों या कैंपों में आना चाहेंगे, हम उनकी सुरक्षा सहित खान-पान व इलाज की पूरी व्यवस्था बनाएंगे।
नगर निगम रायपुर के आयुक्त रजत बंसल ने कहा कि हमें कोर्ट का आदेश अभी प्राप्त नहीं हुआ है। पानी के सैंपलों की जांच में भी बैक्टीरिया की पुष्टि नहीं हुई है। इस संदर्भ में हम अपना जवाब कोर्ट में पेश करेंगे। इसके बाद जो भी निर्णय आएगा उसका हम अनुपालन करेंगे।
राजधानी में पीलिया से लगातार हो रही मौतों के बाद मुख्य सचिव अजय सिंह ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जिला प्रशासन और नगर निगम रायपुर के अफसरों की बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिव ने सख्त हिदायत दी है कि अफसर यह सुनिश्चित करें कि रायपुर सहित राज्य के किसी भी क्षेत्र में पीलिया से आगे कोई मौत न हो। उन्होंने नाली में एसिड बहाने पर पूरी तरह रोक लगाते हुए एेसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अफसरों का मानना है कि नाली में बहाए गए एसिड से पेयजल की पाइपलाइन को नुकसान पहुंचता है, जिसके कारण जिस कारण पीलिया, डायरिया, टायफाइड जैसे कई बीमारियां फैलती है।
मुख्य सचिव ने समस्त निजी अस्पतालों को पीलिया के इलाज के लिए अस्पताल में पहुंच रहे प्रभावितों की जानकारी जिला प्रशासन को देने के निर्देश दिए हैं । बैठक में अफसरों ने पीलिया के रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव, स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता लोक पीजी कोसरिया, रायपुर कलक्टर ओपी चौधरी, निगम आयुक्त रजत बंसल सहित विभागीय वरिष्ठ मौजूद थे।
बैठक में अफसरों कहा, पंप के दबाव से कई स्थानों पर पानी के साथ ही अन्य गंदगियों के भी पाइप लाइन में प्रवेश करने की संभावना होती है। इसलिए ज्यादा समय तक पंप चालू कर पानी नही खींचें।
Published on:
04 May 2018 12:19 pm
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