रायपुर. प्रदेश के सबसे बड़े नक्सली कांड झीरम मामले पर फिर से सियासी वार शुरू हो गए है। कांग्रेस-भाजपा के बड़े नेता अब इस मामले को लेकर आमने-सामने हो गए हैं। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व राज्य शासन के पूर्व वरिष्ठ मंत्री अजय चंद्राकर ने झीरम घाटी कांड न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल 6 माह बढ़ाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, झीरम का सच सबके सामने है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जांच आयोग बनाने की कोई जरूरत नहीं थी। झीरम कांड के प्रत्यक्षदर्शी कवासी लखमा तो उनकी सरकार में मंत्री हैं। भूपेश बघेल उनसे पूछ लें। वे जिसका नाम लें, भूपेश उसे फांसी पर लटकवा दें। कवासी लखमा से तो रोज पूछताछ होनी चाहिए। झीरम के पीड़ितों को चार साल में क्या मिला? उन्होंने कहा, जांच आयोग बनाने की जरूरत नहीं थी लेकिन कांग्रेस को राजनीति करनी है। यदि जांच रिपोर्ट समय पर आएगी तो कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या राजनीति करेगी।