इस दौरान पूर्व सीएम बघेल ने कहा, झीरम मामले के 12 साल पूरे होने के बावजूद पीड़ितों के परिजनों और घायलों को न्याय नहीं मिला। भाजपा की सरकारों ने हमेशा झीरम की जांच को रोकने का प्रयास किया। बघेल ने कहा, कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने एसआईटी बनाकर षड्यंत्र की जांच करने का प्रयास किया।
एनआईए ने इस मामले की जांच बंद कर दी। एनआईए ने 24 सितंबर 2014 को अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल की, इसके बाद 28 सिंतबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की, अर्थात एनआईए ने जांच बंद कर दी।
जनता जानना चाहती है कि परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा क्यों हटाई: महंत
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, आज का दिन कांग्रेस के लिए बेहद पीड़ा का दिन है। हमने अपने नेताओं को खोया था। आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यों हटाया गया था?
राज्य एजेंसी की जांच को बाधित किया
बघेल ने कहा, एनआईए ने किसी भी पीड़ित से पूछताछ नहीं की, जो संदिग्ध नक्सली थे किसी के खिलाफ आरोप पत्र नहीं दाखिल नहीं किया। लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया एनआईए ने फिर से जांच शुरू कर दी और राज्य की एजेंसी के जांच को बाधित किया। मुझे दुख है कि सरकार में रहते केंद्र सरकार के अवरोध के कारण जांच नहीं हो पाई। इस दौरान सुशील आनंद शुक्ला, गिरीश दुबे, पंकज शर्मा, ज्ञानेश शर्मा, विनोद वर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, डॉ. अजय साहू, शिवसिंह ठाकुर, एजाज ढेबर, आनंद मिश्रा, नवीन चंद्राकर सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।