14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

केके के सहयोगी आशीष का राजदार गोपाल शिकंजे में… हर दिन बदलते थे मोबाइल, पकड़ में आया बड़ा सुराग

CG News: रायपुर में पूर्व सीएम के करीबी केके श्रीवास्तव के 15 करोड़ की ठगी के मामले के बाद 441 करोड़ की काली कमाई की जांच भी शुरू हो गई है।

3 min read
Google source verification
केके के सहयोगी आशीष का राजदार गोपाल शिकंजे में... हर दिन बदलते थे मोबाइल, पकड़ में आया बड़ा सुराग(photo-unsplash)

केके के सहयोगी आशीष का राजदार गोपाल शिकंजे में... हर दिन बदलते थे मोबाइल, पकड़ में आया बड़ा सुराग(photo-unsplash)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में पूर्व सीएम के करीबी केके श्रीवास्तव के 15 करोड़ की ठगी के मामले के बाद 441 करोड़ की काली कमाई की जांच भी शुरू हो गई है। केके के पार्टनर रहे यूथ कांग्रेस नेता आशीष शिंदे की गिरफ्तारी के दूसरे दिन उसका एक और पार्टनर गोपाल कश्यप धरा गया। गोपाल पुलिस से बचने एक अस्पताल में भर्ती था और वह आशीष का करीबी और राजदार है।

CG News: हर दिन बदलते थे मोबाइल

पुलिस के मुताबिक गोपाल से पूछताछ में कई यूल बैंक खातों की जानकारी मिली है। इसके जरिए लाखों रुपए इधर-उधर किए गए हैं। इन खाताधारकों को तलब किया जाएगा। उनसे बैंक खातों में आए पैसों के सोर्स के बारे में पूछा जाएगा। उल्लेखनीय है कि तेलीबांधा थाने में रावत एसोसिएट्स के डायरेक्टर अर्जुन रावत ने आरोपी केके के साथ उसके बेटे कंचन श्रीवास्तव, आशीष और गोपाल के खिलाफ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की धोखाधड़ी, साजिश और कूटरचना की शिकायत दर्ज कराई थी।

इस मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज किया। इसके करीब 10 माह बाद केके को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आशीष को थाने से ही छोड़ दिया गया। कोर्ट में भी उसका नाम एफआईआर में नहीं होना बताते हुए कोर्ट में प्रतिवेदन पेश कर दिया गया था। बाद में मंगलवार को आशीष को गिरफ्तार करके पुलिस रिमांड पर लिया गया। केके के बेटे कंचन की अब तक गिरतारी नहीं हुई है।

राजधानी में आशीष-गोपाल थे खास

केके पूर्व सीएम के करीबी होने के कारण पिछले पांच साल पॉवर सेंटर में था। इस दौरान ट्रांसफर-पोस्टिंग, ठेका आदि के नाम पर जमकर अवैध कमाई की। इस रकम को खपाने के लिए राजधानी में आशीष और उसका साथी गोपाल उसके खास आदमी थे। इसके लिए बैंक खातों का इंतजाम भी किया गया। यूथ कांग्रेस में होने के कारण आशीष के कई युवाओं से संपर्क थे। उनके बैंक खातों का भी इसमें इस्तेमाल होने की आशंका है। फिलहाल पुलिस 50 से ज्यादा संदिग्ध बैंक खातों की जांच कर रही है। गोपाल कई बार विदेश दौरा भी कर चुका है।

10 माह तक रहे सुरक्षित

एफआईआर होने के बाद करीब 10 माह तक आशीष ने अपने साथियों की मदद से केके और उसके बेटे कंचन को सुरक्षित रखा था। इसके बाद अचानक केके की गिरफ्तारी हुई। आशीष के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट सहित अन्य अपराध दर्ज है। धोखाधड़ी के मामले में वह जमानत पर चल रहा है।

रेलवे कर्मी की जमानत हो चुकी है खारिज

आशीष के करीबी रेलवे कर्मी गोपाल कश्यप भी तेलीबांधा मामले में आरोपी है। पिछले साल उसने अग्रिम जमानत के लिए जिला न्यायालय में आवेदन लगाया था, जिसे पुलिस की आपत्ति के बाद न्यायालय ने खारिज कर दिया। इसके बाद गोपाल ने जमानत आवेदन नहीं लगाया। पुलिस ने भी उसकी गिरफ्तारी का प्रयास नहीं किया। केके के गिरफ्तारी होते ही सुनियोजित ढंग से गोपाल एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया था। अब पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है।

डिजिटल ऑडिट में 441 करोड़, बढ़ सकता है आंकड़ा

केके के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद पुलिस ने केके, कंचन, आशीष और अन्य के बैंक खातों और ट्रांजेक्शन की जांच की। डिजिटल ऑडिट कराने पर 441 करोड़ के अवैध लेन-देन का खुलासा हुआ। एक-एक बैंक खातों में लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। जांच में काली कमाई का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

एक-एक खाते में लाखों के ट्रांजेक्शन, ईडी भी कर सकती है गिरफ्तार

  • स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की धोखाधड़ी की शिकायत

तेलीबांधा में धोखाधड़ी की एफआईआर होने बाद आशीष अपने साथी के साथ केके और कंचन को लेकर फरार हो गया। कुछ पुलिसकर्मियों से आशीष के अच्छे संबंध थे। इस कारण केके को पकड़ने के लिए पुलिस की हर रणनीति की जानकारी आशीष तक पहुंच जाती थी। इसके आधार पर आशीष और केके अपना ठिकाना बदलते रहते थे। पुलिस बचने के लिए हर दिन अपना मोबाइल व मोबाइल सिम भी बदल देते थे।