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अंतागढ़ टेप केस क्या है, कौन-कौन से नेता इसमें आरोपी है, जानिये इससे जुडी सभी बड़ी बातें 10 Points में

Antagarh Tape Case: इस प्रकरण के होने के करीब सवा साल बाद दिसंबर 2015 में स्थानीय मीडिया में इसे लेकर खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया। इसके बाद से ही इसे अंतागढ़ टेप कांड के नाम से जाना जाता है।

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अंतागढ़ टेप केस क्या है, कौन-कौन से नेता इसमें आरोपी है, जानिये इससे जुडी सभी बड़ी बातें 10 पॉइंट्स में

अंतागढ़ टेप केस क्या है, कौन-कौन से नेता इसमें आरोपी है, जानिये इससे जुडी सभी बड़ी बातें 10 पॉइंट्स में

रायपुर. Antagarh Tape Case: छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ विधानसभा सीट खाली होने के बाद 12 सितंबर, 2014 को वहां उपचुनाव कराया गया था। उपचुनाव के एलान के बाद भाजपा, कांग्रेस समेत करीब 13 अन्य उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे। सभी ने नामांकन दाखिल किया। लेकिन नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि खत्म होने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने अचानक चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी।

बड़ा खुलासा: तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह थे 36 हजार करोड़ के नान घोटाले के मुख्य सूत्रधार

इस प्रकरण के होने के करीब सवा साल बाद दिसंबर 2015 में स्थानीय मीडिया में इसे लेकर खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया। इसके बाद से ही इसे अंतागढ़ टेप कांड के नाम से जाना जाता है। कांग्रेस की प्रवक्ता और रायपुर की पूर्व मेयर किरणमयी नायक द्वारा दर्ज करवाया गया है। जिसमे पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी और उनके बेटे के अलावा बीजेपी नेता राजेश मूणत, मंतूराम पवार और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता का भी नाम है।

आइये जानते है अंतागढ़ टेप कांड से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बातें 10 पॉइंट्स में-

1- अंतागढ़ कांकेर जिले का नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्र है। जहाँ 2014 में उपचुनाव था और कांग्रेस की ओर से मंतूराम पवार प्रत्याशी थे, और भाजपा की ओर से भोजराज नाग।

2-मंतूराम पंवार ने ऐन वक्त पर नाम वापस ले लिया था। इसे तत्कालीन पीसीसी चीफ भूपेश बघेल पर यह राजनैतिक हमला माना गया था।

3- इस पूरे प्रकरण को लेकर एक सीडी वायरल हुई जिसमें कथित तौर पर अमित जोगी, अजित जोगी, डॉ पुनीत गुप्ता, मेनन और फिरोज सिद्दकी की आवाजें थी। यह कथित सीडी यह संकेत देती थी मंतुराम पवार को जानबूझकर नाम वापस कराया गया।

4-कांग्रेस शासनकाल आते ही इस मसले को लेकर एसआईटी गठित की गई और फिर पंडरी थाने में अपराध दर्ज किया गया था।

5-पंडरी थाने में दर्ज अपराध किरणमयी नायक प्रार्थी हैं जबकि आरोपी के रुप में मंतूराम पवार, अजीत जोगी अमित जोगी और डॉ पुनीत गुप्ता के नाम दर्ज हैं।

6-अंतागढ़ टेपकांड की जांच कर रही एसआइटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता और मंतूराम पवार को वॉइस सैंपल के लिए कई बार नोटिस जारी किया था, लेकिन सभी ने वाइस सैंपल देने से इन्कार कर दिया था।

7- मंतूराम ने खुलासा करते हुए कहा की उनके ऊपर दबाव डाला गया था और यह डील 7.5 करोड़ में हुआ था।

8-मंतूराम ने बताया था कि ये डील तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे राजेश मूणत (Rajesh Munat) के बंगले पर हुई थी। इसमें तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह,अजीत जोगी,अमित जोगी समेत कई लोग मौजूद थे। वहीं पैसों का लेनदेन भी हुआ था।

9- मंतूराम पवार ने 7 सितंबर को कोर्ट में धारा 164 के तहत इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाया जिसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया।

10-अंतागढ़ टेपकांड मामले में पुलिस के आवेदन पर कोर्ट ने वॉइस सैंपल को लेकर फिर से फैसला टाल दिया है। मामले में कोर्ट ने 20 सितंबर सुनवाई की अगली तारीख तय की है।