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तीसरी लहर में कुपोषित बच्चों को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती, इन बातों का रखें ध्यान

locationरायपुरPublished: Jul 18, 2021 06:40:04 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

Fear of Third wave of Corona: छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या जरूर कम हो रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए इन बच्चों में असर अधिक पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है।

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छत्तीसगढ़ में तीसरी लहर की आहट, मगर वैक्सीनेशन की रफ्तार सुस्त, कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग

रायपुर. छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या जरूर कम हो रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए इन बच्चों में असर अधिक पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो हजारों बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। कोरोना की तीसरी लहर में इन पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी होगा, क्योंकि वैज्ञानिक तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका जता चुके हैं।
यदि हम सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति बहुत ज्यादा चिंताजनक है। क्योंकि कुपोषण के मामले में टॉप पांच जिलों में बस्तर संभाग के चार जिले आ रहे हैं। जबकि भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से इन्हें जिलों में पर्याप्त स्वस्थ्य संसाधानों की कमी बताई जाती है। खास बात यह है कि सुकमा जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और इसी जिले में प्रदेश के सबसे अधिक 27.37 बच्चे कुपोषित है।

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विशेष ध्यान रखने की जरूरत
डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के शिशुरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शारजा फुलझले ने कहा, देखिए, कोरोना की जिस तीसरी लहर की बात की जा रही है तो उसके आने की संभावना तो है। क्योंकि महामारी इसी प्रकार लहर के रूप में आती है और फिर धीरे-धीरे इसका प्रभाव कम होता चला जाता है। इसका प्रभाव बच्चों पर इसलिए हो सकता है, क्योंकि इनका टीकाकरण नहीं हो रहा हैं। कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इन्हें बेहतर खानपान दिया जाए। रूटीन के जितने भी टीके हैं, वे समय पर लगवाए जाएं। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करके हम इन्हें कोरोना वायरस से बचा सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि इन्हें ज्यादा दिक्कते आएंगी।

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यह है सरकार की तैयारी
राज्य सरकार ने प्रत्येक जिला चिकित्सालय में सभी ऑक्सीजन बैड, वैंटिलेटर सहित कम से कम 30 आईसीयू बैड, कम से कम 2 शिशु वैंटिलेटर, ऑक्सीजन के लिए पीएसए प्लांट, लिक्विड ऑक्सीजन टैंक एवं ऑक्सीजन पाइप लाइन तथा मैनिफोल्ड की है। इसके अलावा प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में वैंटिलेटर सहित 100 आईसीयू बैड, 20 शिशु वैंटिलेटर की व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त 123 शिशु वैंटिलेटर की व्यवस्था के लिए तैयारी की जा रही है। आयुर्वेदिक कॉलेज रायपुर में बच्चों से अलग से 40 बिस्तर का आईसीयू बनाया गया है।

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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, कुपोषण दूर करने के लिए लगातार सरकार की योजनाएं संचालित हो रही है। इसके समर्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। तीसरी लहर से निपटने बच्चों को स्वास्थ सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है।

इन बातों का रखें ध्यान
– माता पिता और परिवार के सदस्य बच्चों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि यह सीधे उनके संपर्क में रहते हैं।
– बाहर से आने पर अच्छे से हाथ धोएं व कपड़े बदलें तब बच्चों के संपर्क में आएं।
– बाहरी व्यक्ति या जो अन्य बीमारियों से ग्रसित हो, बच्चों को उनके संपर्क में न आने दें।
– परिवार के सभी सदस्य जल्द से जल्द टीका लगवाएं।
– किसी भी कार्यक्रम में बच्चों को न ले जाएं, जहां बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं।

टॉप 5 जिलों में कुपोषण की स्थिति
जिला- कुपोषित बच्चों का प्रतिशत
सुकमा-27.37
दंतेवाड़ा-24.36
बीजापुर-23.19
महासमुंद-23.06
कोण्डागांव-21.24
बस्तर-19.69
नोट- आंकड़े एमपीआर जनवरी 2021 के मुताबिक

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