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CG News: न्यू ट्रामा सेंटर के ओटी में आगजनी की घटना के बाद आंबेडकर अस्पताल प्रबंधन अलर्ट मोड पर है। छुट्टी के दिन गुरुवार को 50 बेड वाले क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में फायर फाइटिंग सिस्टम लगा दिया गया है। ये सिस्टम एंट्री गेट से एग्जिट तक लगवाया गया है। दूसरी ओर न्यू ट्रामा में ओटी को छोड़कर 22 बेड के दोनों वार्डों व गैलरी की क्लीनिंग भी पूरी हो गई है। हालांकि चार सदस्यीय जांच कमेटी ने छुट्टी के कारण जांच शुरू नहीं की है।
सीसीयू में गंभीर व अतिगंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है। ऐसे में विषम परिस्थितियों के लिए फायर सिस्टम अनिवार्य था। सीसीयू में मेडिकल आईसीयू, एनीस्थीसिया विभाग का क्रिटिकल केयर, सर्जरी विभाग का एसआईसीयू, रेडियो डायग्नोसिस का डीएसए से इलाज वाले मरीजों का आईसीयू व डायलिसिस यूनिट है।
कोरोनाकाल के पहले यह आईसीयू था और यहां हार्ट, किडनी, मेडिसिन, सर्जरी के गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता था। कोरोनाकाल में इसे आइसोलेटेड आईसीयू बनाया गया, जहां केवल कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता था। अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर का कहना है कि मरीजों का बेहतर इलाज व उनकी जान की सुरक्षा प्राथमिकता में है। जहां भी फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगा है, वहां लगाए जाएंगे।
एसीआई स्थित कैथलैब आईसीयू के सेंट्रल एसी का 5 साल से कोई मेंटेनेंस नहीं हुआ है। डॉक्टरों व स्टाफ के अनुसार कुछ माह पहले धमाके के बाद आग भी लग गई थी। दरअसल सेंट्रल एसी के काम नहीं करने पर वॉल फैन लगाया गया था। कार्डियोलॉजी विभाग ने इस संबंध में प्रबंधन को 100 से ज्यादा पत्र लिखा है। इसके बावजूद सेंट्रल एसी का मेंटेनेंस नहीं करना मरीजों की जान जोखिम में डालने के समान है। इस आईसीयू में हार्ट संबंधी बीमारी वाले गंभीर मरीज भर्ती रहते हैं। एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी व बाकी प्रोसीजर वाले गंभीर मरीजों का भी इलाज किया जाता है।
Updated on:
08 Nov 2024 10:25 am
Published on:
08 Nov 2024 08:54 am
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