
Meeting News: सरकारी निर्माण विभागों में 800 करोड़ बिल भुगतान बाकी, ठेकेदार लामबंद
छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की राज्यस्तरीय बैठक मंगलवार को राजधानी के एक निजी होटल में हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ के सभी निर्माण विभागों लोक निर्माण, जल संसाधन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, आरईएस एवं पीएचई के जल जीवन मिशन से लगभग 400 ठेकेदार शामिल हुए। इस दौरान निर्माण विभागों में अफसरशाही और मनमानी को लेकर उनका आक्रोश फूटा। एसोसिएशन की मानें तो कांट्रेक्टरों के कार्यों का करीब 800 करोड़ रुपए का बिल भुगतान बाकी है। इसलिए उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और निर्माण कार्य भी तेजी से नहीं हो रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ का विकास प्रभावित हो रहा है।
बैठक में सभी जिलों के कांट्रेक्टरों ने चार घंटे तक चली बैठक में अफसरशाही और मनमानी पर रोक लगाने की आवाज बुलंद की। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि यदि सात दिन के अंदर निर्माण विभागों में लंबित बिल भुगतान नहीं हुआ और खनिज रॉयल्टी में सुधार के साथ ही सरकारी बिल्डिंग निर्माण के एसओआर नया लागू करने के लिए ठोस निर्णय नहीं हुआ और अफसरशाही और मनमानी पर अंकुश नहीं लगी तो उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे। टेंडर का बहिष्कार करते हुए निर्माण कार्य ठप कर देंगे।
शुक्ला ने कहा कि इन मुद्दों को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव और डिप्टी सीएम विजय शर्मा से मिलकर सभी प्रमुख बिंदुओं का ज्ञापन देकर निराकरण की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अब ठेकेदार एकजुट हो चुके हैं। संगठन का विस्तार और एकजुटता लाने का फैसला किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से जिला और मंडल स्तर पर नियुक्ति करते हुए जिम्मेदारी कई सदस्यों को सौंपी गई है ताकि निर्माण कार्यों के दौरान आने वाली समस्याओं को प्रमुखता से उठा सकें।
प्रदेशभर के ठेकेदारों ने अधिकारियों की मनमानी पर आक्रोश जताते हुए कहा कि कई महीनों से भुगतान नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा तरह-तरह से परेशान किया जाता है। कार्य हो जाने के बावजूद बिलों का भुगतान बिना रिश्वत लिए नहीं करते हैं। स्वयं का पैसा लगाकर ठेकेदार निर्माण कराते हैं और भुगतान के लिए परेशान होते हैं। ऐसा नहीं चलेगा। अधिकारियों के रवैये के कारण सरकार बदनाम होती है। एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव आदि उच्चाधिकारियों से मिलकर शिकायत करेंगे। स्पॉट इंस्पेक्शन के नाम पर अधिकारी दिन में नहीं, बल्कि रात में टॉर्च की रोशनी में मुआयना करते हैं। ठेकेेदारों को बुलाया नहीं जाता, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। तरह तरह से नोटिस थमाया जा रहा है।
Published on:
17 Sept 2025 01:01 am
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