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करोड़ों खर्च, फिर भी रायपुर व भिलाई के हवा में बढ़ा माइक्रोग्राम पॉल्यूशन….खर्च हुई इतनी राशि

Raipur News: राजधानी रायपुर और भिलाई के पॉल्यूशन स्तर ना बढ़े। इसलिए पर्यावरण संरक्षण मंडल और नगर निगम हर साल करोड़ो रुपए खर्च कर रहा है।

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Microgram pollution increased in the air of Raipur and Bhilai

माइक्रोग्राम पॉल्यूशन

Chhattisgarh News: रायपुर। राजधानी रायपुर और भिलाई के पॉल्यूशन स्तर ना बढ़े। इसलिए पर्यावरण संरक्षण मंडल और नगर निगम हर साल करोड़ो रुपए खर्च कर रहा है। इतनी राशि खर्च करने के बावजूद बीते साल की अपेक्षा इस साल रायपुर और भिलाई की हवा में पाल्यूशन के ग्राफ में (पीएम 10) क्रमश: 9 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब और 7 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब की वृद्धि हुई है।

सेंट्रल से रिपोर्ट के साथ फटकार लगने के बाद बीते दिनों राज्य स्तीय निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति (पर्यावरण संरक्षण मंडल, परिवहन, नगर निगम, चेंबर के सदस्यों का दल) ने पिछले दिनों बैठक ली। बैठक में पॉल्यूशन के ग्राफ का पता लगाने और रोकने के प्रभावी उपाय के निर्देश समिति के सचिव ने जारी किया है। लेट चल रहे निर्माण कार्यों में भी तेजी के निर्देश समिति के अध्यक्ष ने अधीनस्थ अधिकारियों को दिए हैं।

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जिम्मेदारों ने खर्च की इतनी राशि

- रायपुर में रोड साइट प्लांटेशन में 60 लाख खर्च
- रायपुर में नगर वन योजना में 86 लाख से ज्यादा खर्च

बीते साल कम था ग्राफ

कमेटी से मिली जानकारी के अनुसार बीते साल रायपुर की हवा में पीएम 10 की मात्रा 61 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब था। इसी तरह भिलाई की हवा में पीएम 10 की मात्रा 60 थी। पीएम 10 बढ़ने का कारण समिति के सदस्यों ने रायपुर और भिलाई में चल रहे निर्माण कार्यों और गड्ढेनुमा सड़कों को पाया है।

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ये काम कर रहे

वाटर स्प्रिंक्लिंग रोड स्वीपिंग, रोड वाशिंग, एंड टू एंड पेवर टॉपिंग कार्य और रोड साइड प्लांटेशन का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही निर्माण कार्य के दौरान नेट का इस्तेमाल करने का निर्देश नगर निगम और पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने दिया है।

टॉपिक एक्सपर्ट

केवल प्लांटेशन के सहारे ही पीएम 10 के बढ़ते हुए ग्राफ को कम नहीं किया जा सकता है। निर्माण कार्य के दौरान धूल और खराब सड़क से गुजरने वाली गाड़ियां पीएम 10 के हानिकारक तत्वों को जन्म देते है। भिलाई और रायपुर में उद्योग बढ़ने के कारण भी पीएम 10 का ग्राफ बढ़ रहा है। मॉनीटरिंग और सख्त कार्रवाई से ही पॉल्यूशन के बढ़ते ग्राफ को रोका जा सकता है। - डॉ. शम्स परवेज, पर्यावरणविद

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