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मानसून सत्र में खाद की किल्लत पर हंगामा! कांग्रेस के 22 विधायक स्वयमेव निलंबित

Monsoon Session 2025: नैनो उर्वरकों के उपयोग की अनुशंसा की गई है। बड़ी तादाद में इसका भंडारण भी किया जा चुका है। विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देते कांग्रेस विधायक।

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स्थगन अस्वीकार होने पर विपक्ष ने की नारेबाजी (Photo source- Patrika)

स्थगन अस्वीकार होने पर विपक्ष ने की नारेबाजी (Photo source- Patrika)

Monsoon Session 2025: विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। विपक्ष ने खाद की कमी का आरोप लगाते हुए स्थगन प्रस्ताव लाया। मंत्री का वक्तव्य के बाद आसंदी ने इसे खारिज कर दिया। इससे नाराज विपक्ष गर्भगृह में आकर नारेबाजी करने लगा। इसके कारण विधानसभा की कार्रवाई पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। वहीं विपक्ष के 22 विपक्ष स्वयंमेव निलंबित हो गए।

Monsoon Session 2025: बड़ी तादाद में इसका भंडारण भी किया जा चुका

विधायकों ने विधानसभा परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के पास बैठकर कुछ देर प्रदर्शन भी किया। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया। शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्य में खाद-बीज संकट का मुद्दा उठाया।

महंत ने कहा कि पूरे राज्य में खाद की भारी किल्लत है। किसान भटक रहे हैं। सोसाइटी में किसानों को खाद नहीं मिल रही है, लेकिन दुकानों में खाद है। सभी शक कर रहे हैं कि किसानों की फसल कम हो, इसलिए यह साजिश की जा रही है। युद्ध पहले से हो रहे हैं। इसकी वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की।

वहीं कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने खाद की कमी को नाकार दिया। उन्होंने कहा, किसानों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए जागरूक कर रहे हैं। वैकल्पिक खाद के उपयोग की भी जानकारी प्रशिक्षण के जरिए दी गई। हमने अप्रैल में भंडारण शुरू कर दिया है। नैनो उर्वरकों के उपयोग की अनुशंसा की गई है। बड़ी तादाद में इसका भंडारण भी किया जा चुका है। विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देते कांग्रेस विधायक।

रासायनिक खाद की कमी नहीं: सरकार

Monsoon Session 2025: इधर, राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में रासायनिक खादों कोई कमी नहीं हैं। खरीफ सीजन 2025 के लिए सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरक सहकारी समितियों एवं निजी विक्रय केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वैश्विक परिस्थिति के चलते डीएपी खाद के आयात में कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा इसके विकल्प के रूप में अन्य रासायनिक उर्वरकों की भरपूर आपूर्ति एवं वितरण की व्यवस्था की है।

वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे- नैनो डीएपी, एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था की गई है।