वहीं, पिछले साल इस योजना के तहत 338 किसानों की 776 एकड़ जमीन पर 97843 पौधे लगाए गए थे। इस साल आए आवेदनों पर जल्द ही काम भी शुरू कर दिया जाएगा। जानकारों के अनुसार, बरसात शुरू होने के बाद पौधरोपण शुरू किया जाएगा।
विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत किसानों को उनकी खाली जमीनों पर पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जो भी किसान ऐसा करना चाहते हैं वे विभाग में आवेदन दे सकते हैं। इसमें उन्हें अपनी जमीन की जानकारी देनी होती है। विभाग इन जमीनों के लिए किसानों को मुआवजा भी देता है। इस योजना के अंतर्गत क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डुबिया व अन्य आर्थिक लाभकारी पौधे लगाए जाते हैं।
योजना के अंतर्गत पिछले साल लगे पौधे
विधानसभा – रकबा – किसान – पौधों की संख्या
अभनपुर 194.18 – 85 – 32006
आरंग 233.02 – 101 – 18335
धरसींवा 295.15 – 128 – 43224
रायपुर ग्रामीण 54.37 – 24 – 4278
कुल 776.72 – 338 – 97843 इस साल लगाए जाने वाले पौधे
टिशू कल्चर – सागौन साधारण – सागौन कुल
किसान 74 – 8 – 82
जमीन 173.06 – 14.25 – 187.32 एकड़
पौधें 51295 – 2000 – 53295
जिले में पौधे कितने लगाए जाएंगे अभी तय नहीं
पिछले साल जिले के 31 से ज्यादा जगहों पर पौधरोपण किया गया था। इसमें पर्यावरण वानिकी, कैम्पा और अलग-अलग योजना के तहत रायपुर में 3.84 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए थे। इस साल भी अलग-अलग योजनाओं के तहत रायपुर जिले में पौधे लगाए जाएंगे, लेकिन अभी तक विभाग की ओर से यह तय नहीं किया जा सका है कि कितने पौधे और कहां-कहां लगाए जाएंगे।
विभाग करता है मूल्यांकन
योजना में द्वितीय व तृतीय वर्ष तक रोपित पौधों के जीवित पौधों के अनुसार किसान को अनुदान दिया जाता है। रोपण कार्य क्षेत्र तैयारी, गड्डा खुदाई, खाद व कीटनाशक प्रयोग, रोपण, निंदाई, गुड़ाई, फेंसिंग एवं सिंचाई योजना में शामिल है इसे हितग्राही को खुद करना होता है। इसमें तीन सालों तक विभाग मूल्यांकन भी करता है। पौधरोपण हुए क्षेत्र के बाकी क्षेत्र को किसान उपयोग कर सकता है।