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नीरव मोदी के ऑस्ट्रेलियाई पार्टनर को छत्तीसगढ़ सरकार का न्योता

पंजाब नेशनल बैंक में 11300 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी (neerav modi) की कंपनी से पार्टनरशिप है।

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CG news

आवेश तिवारी@रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने जिस ऑस्ट्रेलियाई कंपनी रियो टिंटो को राज्य में खनन के लिए आमंत्रित किया है, उसकी पंजाब नेशनल बैंक में 11३00 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी (neerav modi) की कंपनी से पार्टनरशिप है।

यह पार्टनरशिप रियो टिंटो और नीरव की कंपनी फायरस्टोन डायमंड के बीच 2010 में हुई थी, जिसके अंतर्गत फायरस्टोन को रियो की ऑस्ट्रेलियाई खदान अर्गले के हीरो की बिकवाली के अधिकार दिए गए थे। छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले माह अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान रियो टिंटो को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया था। नार्वे सरकार द्वारा ब्लैकलिस्टेड यह कंपनी 2016 में मध्यप्रदेश की बंदर छतरपुर परियोजना को बीच में ही छोड़कर चली गई थी।

गुलाबी हीरों के लिया बनाया नीरव को पार्टनर : रियो टिंटो लगभग डेढ़ दशकों से छत्तीसगढ़ में मौजूद हीरों की खदानों पर निगाह रखे हुए है। छत्तीसगढ़ में संयुक्त निदेशक, मिनरल एडमिनिस्ट्रेशन अनुराग दीवान बताते हैं कि पूर्व में रियो ने राज्य के पूर्वी हिस्से में सोने और हीरे की खदानों के लिए वृहद् सर्वे का काम किया था, हांलाकि वो काम शुरू नही हो पाया। इस बीच जब सीएम डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रेलिया गया तो रियो टिंटो के वरिष्ठ सलाहकार जोनाथन रोज ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। उन्होंने इस मुलाकात में छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाएं तलाशने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात कही थी। रियो टिंटो और नीरव मोदी के रिश्तों की शुरुआत दिसंबर 2010 में हुई थी, जब नीरव की कंपनी फायरस्टोन डायमंड को रियो टिंटो ने अपने अर्गले खदान से निकले गुलाबी हीरों की खरीद-फरोख्त के लिए भारत में अपना पार्टनर चुना था।
सूत्रों कि माने तो पीएनबी घोटाले में शामिल गीतांजली गु्रप भविष्य में छत्तीसगढ़ में निजी क्षेत्र का स्पेशल इकोनोमिक जोन बनाने का ख्वाब भी देख रहा था। महाराष्ट्र सरकार द्वारा नवम्बर-2016 में जब गीतांजलि के प्रस्तावित स्पेशल इकोनोमिक जोन के प्रस्ताव को रद्द किए जाने के बाद कंपनी ने यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया। महत्वपूर्ण है कि गीतांजली गु्रप नीरव मोदी के चाचा मेहुल चौकसे का है, जोकि पीएनबी घोटाले में वांछित हैं।

मध्यप्रदेश परियोजना को बीच में छोड़ा
रियो टिंटो ने वर्ष-2004 में मध्यप्रदेश में 2200 करोड़ की बंदर परियोजना खोजी थी। उसने वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश सरकार से अनुबंध करके खुदाई का काम भी शुरू किया लेकिन वर्ष 2016 के अंत में अचानक रियो टिंटो ने परियोजना का काम बंद कर दिया। बंदर प्रोजेक्ट से रियो टिंटो ने हर साल 30 लाख कैरेट हीरा खनन का लक्ष्य रखा था। रियो के खिलाफ ब्रिटेन की सीरियस फ्राड आफिस ने पिछले साल जांच शुरू की है। इसके अलावा यूएस सेक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन भी मोजाम्बिक में कोयले की खदानों की एक डील को लेकर रियो टिंटो की जांच कर रहा है। रियो पर चीन के अलावा अन्य देशों में भी घूस देकर खदाने हासिल करने के आरोप लगे हैं।

मध्यप्रदेश का प्रोजेक्ट रियो टिंटो ने किन परिस्थितियों में छोड़ा, हमे फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है। रियो और नीरव मोदी के बीच किसी किस्म की पार्टनरशिप से जुड़ा सवाल कहीं नहीं आता है, क्योकि हमने अभी रियो के साथ कोई अनुबंध नहीं किया है।
अलरमेलमंगई डी, संचालक, मिनरल रिसोर्स डिपार्टमेंट, छत्तीसगढ़ सरकार

मध्यप्रदेश की बंदर परियोजना रियो छोड़कर क्यों गई, हमें इसके बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है। रियो की किस कंपनी के साथ अनुबंध है, यह भी जानकारी में नहीं है।
अनुराग दीवान, संयुक्त संचालक मिनरल एडमिनिस्ट्रेशन छत्तीसगढ़ सरकार