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लौह अयस्क के अवैध भंडारण पर एनएमडीसी का लोडिंग प्लांंट बंद कराया

खनिज विभाग और इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस रायपुर की संयुक्त टीम की कार्रवाई

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लौह अयस्क के अवैध भंडारण पर एनएमडीसी का लोडिंग प्लांंट बंद कराया

लौह अयस्क के अवैध भंडारण पर एनएमडीसी का लोडिंग प्लांंट बंद कराया

raipur/ बचेली . खनिज विभाग और इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस रायपुर की संयुक्त टीम ने गुरुवार को बचेली स्थित एनएमडीसी के माइनिंग एरिया में कार्रवाई की। टीम ने यहां लोडिंग प्लांट के काम को बंद करवा दिया है। विभागीय कार्रवाई के बाद एनएमडीसी प्रबंधन सकते में है। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर राजधानी से आदेश था। रायपुर स्थित आईबीएम कार्यालय के अधिकारी ने एनएमडीसी लोडिंग प्लांट के स्टॉक फाइल एरिया की जांच करने के लिए लोडिंग प्लांट पहुंचे और प्लांट में चल रहे काम को बंद कराया। टीम इसके बाद निक्षेप क्रमांक 10 और 11 भी पहुंची थी। इस बीच माइनिंग एवं लोडिंग में काम कर रहे एनएमडीसी व ठेका श्रमिकों की छुट्टी कर दी गई। बताया जाता है कि लोडिंग प्लांट बंद होने के कारण एनएमडीसी में अयस्क संग्रहण के लिए कोई वैकल्पिक स्थान नहीं था। इस कारण खनन का कार्य भी बंद करवा दिया गया।

मिली जानकारी के मुताबिक एनएमडीसी बचेली कॉम्लेक्स द्वारा स्थापित लोडिंग प्लांट एरिया लीज क्षेत्र के बाहर है। बावजूद इसके एनएमडीसी वर्षो से इस पूरे इलाके में बिना अनुमति के लौह अयस्क का भंडारण करते आ रही है। इस कारण एनएमडीसी प्रबंधन पर अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं। प्लांट बंद करने के कारणों के विषय मे पूछे जाने पर खनिज अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
1662 करोड़ का लगाया था जुर्माना : सूत्रों के मुताबिक लोडिंग प्लांट एरिया में अयस्क के अवैध भंडारण को लेकर आईबीएम ने 2013 में एनएमडीसी पर 16 सौ 62 करोड़ का जुर्माना लगाया था। किंतु एनएमडीसी ने तात्कालिक रूप से 600 करोड़ का भुगतान किया था। आईबीएम सूत्रों के मुताबिक एनएमडीसी पर 1 हजार 62 करोड़ बाकी है। हालांकि इस मामले को एनएमडीसी हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा एनएमडीसी को राहत प्रदान की गई थी।

सरकार ने लिखित सूचना नहीं दी मामला हाईकोर्ट में चल रहा है

राज्य सरकार ने गुरुवार को बैलाडीला माइंस में लोडिंग कर लौह अयस्क भंडारण करने के लिए एनएमडीसी को रोक दिया है। यद्यपि राज्य सरकार से कोई लिखित सूचना नहीं मिली है। हालांकि यह बताया गया है कि एनएमडीसी ने अपने लोडिंग प्लांट्स के लिए भंडारण लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है, जबकि एनएमडीसी के लोडिंग प्लांट एनएमडीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि पर स्थित हैं।

करोड़ों का उठाना पड़ सकता है नुकसान

सुबह 10 बजे के बाद से ही उत्पादन कार्य बंद होने से बचेली में एनएमडीसी को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। इस के साथ साथ लौह अयस्क की रैक लोडिंग भी बंद हो गई है। जिसके चलते एनएमडीसी को प्रति घंटे रेलवे को अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ सकता है। प्रबंधन के मुताबिक प्रतिदिन 40 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। वर्तमान में जिसकी कीमत लगभग 12 करोड़ रुपए है। पूरी कार्रवाई के दौरान उत्पादन शुरू करवाने एनएमडीसी के दर्जनों अधिकारी फाइलों को लेकर भाग दौड़ करते नजऱ आए।

- वर्ष 2013 के दौरान राज्य खनन परिवहन और भंडारण नियम 2009 के प्रावधानों के अनुसार एनएमडीसी लिमिटेड के लौह अयस्क खानों के लोडिंग प्लांटों के लिए भंडारण शुल्क लगाने की मांग की थी। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए डिमांड नोटिस के आधार पर एनएमडीसी ने डिमांड राशि का भुगतान किया था और उसके बाद बिलासपुर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की और डिमांड नोटिस को चुनौती भी दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश पर एक समीक्षा याचिका दायर की है और वर्तमान में मामला
लंबित है।
-पी. जयप्रकाश, डीजीएम, ,कारपोरेट कम्यूनिकेशन, एनएमडीसी


- एनएमडीसी के खिलाफ कुछ शिकायतें मिली थी, जिसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई चल रही है। रायपुर से माइनिंग विभाग की टीम एनएमडीसी के किरंदुल व बचेली प्रोजेक्ट के मामले की जांच के लिए पहुंची है।
-दीपक सोनी, कलेक्टर,दंतेवाड़ा