
PM Awas Yojana (photo-patrika)
PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लगातार ढेरों शिकायतें पंचायत विभाग को मिल रही हैं। ताजा मामला बलौदाबाजार जिले पलारी का है। यहां एक व्यक्ति की जमीन पर किसी और के नाम पीएम आवास बना दिया गया। जब जमीन मालिक ने इसकी शिकायत ग्राम पंचायत और संबंधित अधिकारियों से की तो कोई जवाब नहीं मिला।
जब मकान को तोडऩे के लिए आवेदन किया तो मकान को भी नहीं तोड़ा जा रहा है। अब वह जमीन मालिक राजस्व विभाग से लेकर पंचायत विभाग के अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है। बता दें कि पीएम आवास योजना राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रदेश में 18 लाख आवास का निर्माण किया जाना है।
पीड़ित डोमार देवांगन ने बताया कि पालारी अंतर्गत ग्राम जंगलोर में उनकी मां बसंती देवांगन के नाम पर दो डिसमिल जमीन है। इसमें एक डिसमिल जमीन पर गांव के ही सुकवारो देवांगन के नाम पर पीएम आवास के तहत आवास स्वीकृत कर मकान बना दिया है। आरटीआई में निकाले गए दस्तावेज में फर्जी तरीके से मकान स्वीकृत किए गए हैं। सुकवारो देवांगन के नाम पर जो फार्म ग्राम पंचायत और अधिकारियों द्वारा भरा गया है। उसमें जमीन संबंधी जानकारी के सभी ऑप्शन को निरंक बताया गया है। न कोई दस्तावेज न ही कोई सर्वे। फिर भी उनकी जमीन पर दूसरे के नाम का पीएम आवास स्वीकृत कर मकान बना दिया है।
डोमार देवांगन ने बताया कि मकान हटाने के लिए दो-तीन बार ग्राम पंचायत और पंचायत विभाग को आवेदन देने के बावजूद मकान को हटाया नहीं जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब वे राजस्व विभाग में अपनी पर कराए गए कब्जे को हटाकर मालिकाना हक का आवेदन किया है।
जानकारी के अनुसार, कांकेर जिले की ग्राम पंचायतों में भी पीएम आवास बनाने में वहां के अधिकारियों ने भारी गड़बड़ी की थी। शिकायत सही पाए जाने पर पीएम आवास से जुड़े कुछ अधिकारियों पर शासन द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। इसी तरह से कई ऐसे मकानों का निर्माण पूर्ण बता दिया था, जिसकी छत की ढलाई तक नहीं हुई है।
पीएम आवास के निर्माण में किसी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिकायतों की जांच के बाद संबंधित ग्राम पंचायतों के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - विजय शर्मा, मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, छत्तीसगढ़
Published on:
19 Dec 2025 08:32 am
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