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अब सन्नाटे को चीरती है विमानों की गर्जना! आसमान में गूंजता विकास, रायपुर का एयरपोर्ट बना प्रगति की नई उड़ान का प्रतीक

Raipur Airport: रायपुर में आज विकास के अनेक आयाम स्थापित करते हुए हम अपने रजत जयंती वर्ष तक पहुंच गए हैं। विमान सेवाओं में भी हम कई राज्यों से बेहतर स्थिति में है

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अब सन्नाटे को चीरती है विमानों की गर्जना! आसमान में गूंजता विकास, रायपुर का एयरपोर्ट बना प्रगति की नई उड़ान का प्रतीक(photo-patrika)

अब सन्नाटे को चीरती है विमानों की गर्जना! आसमान में गूंजता विकास, रायपुर का एयरपोर्ट बना प्रगति की नई उड़ान का प्रतीक(photo-patrika)

Raipur Airport: छत्तीसगढ़ के रायपुर में आज विकास के अनेक आयाम स्थापित करते हुए हम अपने रजत जयंती वर्ष तक पहुंच गए हैं। विमान सेवाओं में भी हम कई राज्यों से बेहतर स्थिति में है, लेकिन क्या आप जानते हैं हमारी राजधानी के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट की नींव कैसे पड़ी और यह कैसे शुरू हुआ।

यह भी जानना रोचक होगा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में यहां पहले रनवे बनाया गया था। उसके 33 साल बाद 1975 में एयरपोर्ट की पहली टर्मिनल बिल्डिंग बनी। गांव के नाम के कारण एयरपोर्ट को माना एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था, अब इसका नाम स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट है।

Raipur Airport: अब सन्नाटे को चीरती है विमानों की गर्जना

माना एयरपोर्ट से पहले गिने-चुने विमानों की आवाजाही होती थी। यहां कभी सन्नाटा पसरा रहता था। विमान को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते थे। माना एयरपोर्ट का रनवे उड़ानों का इंतजार करता था। साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ। इसके बाद भी माना एयरपोर्ट से एक-दो उड़ानों तक ही सीमित थी। धीरे-धीरे राज्य में राजनीतिक, व्यवसायिक, शैक्षणिक, आधिकारिक और आम लोगों की आवाजाही बढ़ी।

साल 2025 तक माना एयरपोर्ट में हवाई उड़ानों की संया दो-चार उड़ानों से बढ़कर रोजाना 60 से 62 उड़ानों तक पहुंच चुकी है। अब हर घंटे आसमान रायपुर के आसमान पर उड़ानों की गर्जना होती है। महानगरों की दूरी एक से डेढ़ घंटे में तय हो जाती है। हमारा रनवे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बन चुका है। अब इंतजार हैं कि आखिर कब छत्तीसगढ़ की धरती से लोग सीधे विदेश के लिए उड़ान भरेंगे।

हाईटेक टेक्नोलॉजी और बोइंग विमानों की पार्किंग सुविधा

माना एयरपोर्ट के एप्रेन-11 में बोइंग विमानों की पार्किंग सुविधा है। यहां ए-320 और बोइंग विमान बी-737 के लैडिंग और पार्किंग की सुविधा है। माना एयरपोर्ट अब हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस है। जिसमें मौसम के विपरीत परिस्थिति में भी लैडिंग के लिए सुविधा प्रदान करना है। डीवीओआर, डीएमई, एनडीबी, पीएपीआई जैसी नेवीगेशन सुविधाओं की वजह से सह देश के किसी भी एयरपोर्ट के मुकाबले तकनीक में कम नहीं है।

  • एकड़ माना एयरपोर्ट का क्षेत्रफल 20
  • 1975 में पहली टर्मिनल बिल्डिंग बनाई गई
  • लाख से ज्यादा प्रतिवर्ष यात्री
  • राज्योत्सव में एयर इंडिया वन की लैंडिंग

राज्य गठन के 25 वर्षों में माना एयरपोर्ट का रनवे वीवीआईपी उड़ानों का गवाह बन चुका है, लेकिन यह राज्योत्सव इसलिए खास है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विशेष विमान से छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे। 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रतार तक उड़ान भरने वाला यह विमान रायपुर एयरपोर्ट के रन-वे पर उतरेगा।

रायपुर एयरपोर्ट की खास बातें

  1. एक साथ 400 कारों की पार्किंग की सुविधा।
  2. 20000 वर्ग मीटर एरिया में फैला इंटीग्रेटेड टर्मिनल
  3. पारदर्शी रूफ टाप टर्मिनल, जिसे दक्षिण अफ्रीका से मंगाया गया।
  4. दो एयरोब्रिज, 20 चेक-इन काउंटर्स और दो एक्सरे लगेज मशीन।
  5. तीन चेक-इन प्वॉइंट और लगेज के लिए तीन कन्वेयर बेल्ट
  6. टर्मिनल बिल्डिंग के भीतर एक साथ 1000 यात्रियों के ठहरने की सुविधा।
  7. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को ध्यान में रखते हुए 15 इमीग्रेशन काउंटर।
  8. स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मॉर्डनाइज किया है।
  9. मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलूरू, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, प्रयागराज, विशाखापट्नम आदि शहरों के लिए उड़ानें।
  10. 13 नवंबर 2021 को हवाई यात्रियों का रिकार्ड बना, एक दिन में 8026 यात्रियों ने सफर किया।
  11. यात्री सेवाओं में देश के सबसे ज्यादा संतुष्टिजनक एयरपोर्ट की टॉप-10 सूची में शामिल।
  12. इंदौर के बाद मध्यभारत का सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट।
  13. 24 जनवरी 2012 को माना एयरपोर्ट का नाम स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के नाम पर रखा गया। इससे पहले माना गांव में स्थित होने के कारण एयरपोर्ट को माना एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था।
  14. डोमेस्टिक कार्गों की शुरुआत 4 जून 2016
  15. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1942 में यहां एक अस्थायी रनवे निर्माण से पड़ी थी एयरपोर्ट की नींव।